Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अमित शाह का टॉप सीक्रेट ‘मिशन कश्मीर’, 10 दिन में बदला भूगोल

अमित शाह का टॉप सीक्रेट ‘मिशन कश्मीर’, 10 दिन में बदला भूगोल

हर चुनाव में बीजेपी वादा करती रही है कि वो आर्टिकल 370 को कश्मीर से हटाएगी. लेकिन इसपर कोई खास काम नहीं हुआ

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
अमित शाह का टॉप सीक्रेट ‘मिशन कश्मीर’
i
अमित शाह का टॉप सीक्रेट ‘मिशन कश्मीर’
(फोटो: इरम गौर/  द क्विंट)

advertisement

हर चुनाव में बीजेपी वादा करती रही है कि वो आर्टिकल 370 को कश्मीर से हटाएगी. लेकिन इसपर कोई खास काम नहीं हुआ. मोदी 2.0 सरकार बनने और अमित शाह के गृह मंत्री पद संभालने के बाद इसपर हलचल तेज हुई. फिर पिछले 10 दिन में एजेंडा मिशन मोड में आ गया. ये एक टॉप सीक्रेट मिशन था. 5 अगस्त को राज्यसभा में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के ऐलान से चंद मिनट पहले तक किसी को पता नहीं था कि क्या होने वाला है?

27 जुलाई को अचानक खबर आती है कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त 10 हजार अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी है. इस खबर के बाद से ही जम्मू-कश्मीर की सियासत और केंद्र में हलचल तेज हो गई. महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला पूछने लगे कि केंद्र सरकार अब किस नए फैसले की तैयारी में हैं. अब्दुल्ला ने सरकार से सफाई मांगी कि कम से कम स्थिति तो साफ हो जानी चाहिए. केंद्र सरकार ने इन सभी सवालों को कोई तवज्जो नहीं दिया, क्योंकि गृह मंत्री तो इसकी तैयारी 1 जून को पद संभालते ही कर चुके थे.

अब फ्लैशबैक में चलते हैं...

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने की पूरी प्रक्रिया तो 27 जुलाई से 5 अगस्त के बीच ही चली. लेकिन पटकथा बहुत पहले लिखी जा चुकी थी. नरेंद्र मोदी की ये तस्वीर देखिए, वो उस वक्त देश के प्रधानमंत्री नहीं थे, लेकिन 370 को हटाने का एजेंडा उनका पुराना था. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के साथ ही आर्टिकल-370 उनके एजेंडे पर था. पहले कार्यकाल में ये पूरा न हो सका, तो दूसरे कार्यकाल के लिए मैनिफेस्टो में लिखा था,

हम आर्टिकल 35A को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारा मानना है कि आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण है.

रही सही कसर अमित शाह को गृह मंत्री बनाकर पूरी कर दी गई. 1 जून को अमित शाह ने गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली. इसके ठीक तीन दिन बाद यानी 4 जून को अमित शाह ने गृह सचिव राजीव गौबा, एडिशनल सचिव (कश्मीर) ज्ञानेश कुमार समेत कई अफसरों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग के दौरान कश्मीर के कई मुद्दों पर चर्चा हुई.

इसके ठीक दो दिन बाद, यानी 6 जून को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह सचिव राजीव गौबा के साथ एक बैठक की. यानी 6 दिन के भीतर 2 बैठक. 3 जुलाई को राज्य में छह महीने के लिए राष्‍ट्रपति शासन की अवधि को बढ़ाकर भी ये तय किया गया कि मोदी-शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ सोच रखा है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

27 जुलाई से 5 अगस्त...

27 जुलाई को अतिरिक्त जवानों के तैनाती की खबर आते ही खलबली मची. आर्टिकल-35A, आर्टिकल-370 के हटाए जाने की आहट सुनी जाने लगी. 1 अगस्त को 28 हजार और जवानों को राज्य में तैनात कर दिया गया. अगले ही दिन यानी 2 अगस्त को खबर आती है कि आतंकी हमले की आशंका के चलते अमरनाथ यात्रियों को तुरंत वापस लौट जाने का निर्देश दिया गया है. टूरिस्ट कश्मीर छोड़ने लगे, होटलों को खाली कराया जाने लगा. इस हड़बड़ी की गड़बड़ी को समझते हुए महबूबा-अब्दुल्ला जैसे नेता पूछने लगे कि आखिर चल क्या रहा है.

खुद राज्यपाल सतपाल सिंह भी कहने लगे कि उन्हें किसी भी तरह की कोई जानकारी ही नहीं है, न तो पीएम या राष्ट्रपति ने उनसे कुछ कहा है. 3 अगस्त को भी 6200 से ज्यादा टूरिस्टों को घाटी से बाहर निकाला गया. 4 अगस्त को उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन को नजरबंद कर लिया गया. फिर आया 5 अगस्त, गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला किया, जिसे राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल गई है.

इससे कश्मीर में ये सब बदल जाएगा-

  • आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प, सिर्फ खंड एक लागू रहेगा
  • जम्मू-कश्मीर के दो टुकडे़ होंगे
  • लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा
  • जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा

आर्टिकल-370 पर ‘चोट’ की टाइम लाइन

  • 27 जुलाई

केंद्र ने 10 हजार अर्धसैनिक बलों को जम्मू-कश्मीर भेजा

  • 1 अगस्त

28,000 और जवानों को जम्मू-कश्मीर भेजा गयाफारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी से की मुलाकात

  • 2 अगस्त

अमरनाथ यात्रा के रास्ते में पाकिस्तान में बनी लैंड माइन मिलीअमरनाथ यात्रा रोकी गई, यात्रियों को जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए कहा गयाजम्मू-कश्मीर के नेताओं ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से की बातचीत

  • 3 अगस्त

माछिला यात्रा को स्थगित किया गयाउमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल से की मुलाकातकरीब 6,200 टूरिस्टों को घाटी से बाहर निकाला गया

  • 4 अगस्त

इरफान पठात समेत 100 से ज्यादा क्रिकेटर्स को जम्मू-कश्मीर से बाहर जाने को कहा गयाउमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन को नजरबंद किया गयाइंटरनेट, मोबाइल सर्विसेज सस्पेंड, धारा-144 लगाई गई

  • 5 अगस्त

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने का फैसलाजम्मू-कश्मीर के दो टुकडे़ होंगेलद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होगाजम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश होगा

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT