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जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का विशेष दर्जा हटने के बाद भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सोमवार को पहली ईद मना रहे हैं. राज्य प्रशासन ने नमाज की व्यवस्था की देखरेख को लेकर और त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए स्थानीय मौलवियों के साथ बैठक भी की. हिंसा के डर से रविवार को श्रीनगर में फिर से कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगा दिए गए थे, जिसके कारण वहां की अधिकांश मस्जिदों में ईद की नमाज की अनुमति नहीं दी गई थी. सरकार ने कुछ तस्वीरें साझा की हैं, छोटी मस्जिदों में ईद की नमाज का आयोजन किया गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सोमवार सुबह बताया गया, "घाटी के विभिन्न हिस्सों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. अब तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है." त्योहार के बीच, पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को ले जाने वाले सरकारी गाड़ियां करीब-करीब सभी सुनसान और भीड़भाड़ वाली सड़कों पर दौड़ते देखे गए, जो आमतौर पर ऐसे अवसरों पर देखने को मिलते हैं. आंतरिक सुरक्षा के लिए जम्मू -कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बताया कि इस अवसर पर दोस्ताना माहौल बनाए रखने के लिए हमने ईदगाह पर मिठाइयां भी बांटी.
सीआरपीएफ के डीआईजी एम. दिनाकरण ने ट्वीट किया,
शांतिपूर्ण ईद मनाने के लिए मौलवियों और कश्मीर डिवीजनल के कमिश्नर बशीर खान, पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) स्वयं प्रकाश पाणि और श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट शाहिद चौधरी के बीच रविवार को एक बैठक हुई थी. चौधरी ने नमाज अदा करने वाले स्थानों, कुछ मस्जिदों और मैदानों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि वे असुविधा कम करने और सुविधाओं को सुचारु करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ये भी बताया कि श्रीनगर में 250 से अधिक एटीएम मशीनों को खोला गया है और बैंक शाखाएं भी खुली हैं.
बशीर खान ने कहा कि ईद को शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पिछले कुछ दिनों से लोगों को ईद की खरीदारी के लिए कश्मीर घाटी में लागू निषेधाज्ञा में ढील भी दी. घाटी में बकरीद से पहले खरीदारी के लिए दी गई छह घंटों की ढील के दौरान लोग बाजारों में खरीदारी करते देखे गए.
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