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‘देशप्रेम’ की राह पर कन्हैया, बोले- भारत का अभिन्न अंग है कश्मीर

कन्हैया ने कहा, कश्मीर भारत का हिस्सा है, इसलिए भारतीय किसी भी मंच पर कश्मीरियों के मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.

द क्विंट
भारत
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4 मार्च को जेएनयू में मीडिया से बात करते कन्हैया कुमार. (फोटो: IANS)
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4 मार्च को जेएनयू में मीडिया से बात करते कन्हैया कुमार. (फोटो: IANS)
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अफजल गुरु के समर्थन और देशद्रोह के आरोप से चर्चा में आए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं.

कन्हैया ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसलिए भारतीय किसी भी मंच पर कश्मीरियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.

इंडिया टुडे कॉनक्लेव में कन्हैया कुमार ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसलिए कश्मीरी भी भारतीय हैं और हम हमेशा उनके मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि वे अफजल गुरु का समर्थन नहीं करते, लेकिन वे मौत की सजा के खिलाफ हैं. संसद पर हमले के मामले में कश्मीरी आतंकवादी अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गई थी.

उन्होंने कहा:

हमारा आन्दोलन (9 फरवरी को) मौत की सजा के खिलाफ था, न कि अफजल के समर्थन में. अगर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के किसी कार्यकर्ता को भी मौत की सजा दी जाती है, तो हम उसका विरोध करेंगे.

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में लोगों को भारत विरोधी नारे लगाने से क्यों नहीं रोका, तो उन्होंने कहा कि न तो वह, न ही उनकी ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (AISF) भारत विरोधी नारों का या कश्मीरियों के अलगाव का समर्थन करती है.

उन्होंने कहा, “JNU की संस्कृति बहस और विमर्श को बढ़ावा देने की है. यह हमारी संस्कृति नहीं है कि हम लोगों को बोलने से रोकें और जबरदस्ती अपने विचार उन पर थोपें. यहां तक कि अगर हम सहमत नहीं होते हैं, तब भी ऐसा नहीं करते.”

गौरतलब है कि 9 फरवरी को भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार पर राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है.

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