Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जम्मू-कश्मीर: पीएचडी छात्र ने आर्टिकल लिखा, पुलिस ने UAPA लगा गिरफ्तार किया

जम्मू-कश्मीर: पीएचडी छात्र ने आर्टिकल लिखा, पुलिस ने UAPA लगा गिरफ्तार किया

सर्च ऑपरेशन में जांच टीम ने कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों में सामग्री सहित आपत्तिजनक सबूत जब्त किए हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>देशद्रोही आर्टिकल लिखने के आरोप में कश्मीर यूनिवर्सिटी का PhD स्कॉलर गिरफ्तार</p></div>
i

देशद्रोही आर्टिकल लिखने के आरोप में कश्मीर यूनिवर्सिटी का PhD स्कॉलर गिरफ्तार

(फोटो- क्विंट हिंदी)

advertisement

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने रविवार, 17 अप्रैल को कश्मीर विश्वविद्यालय के एक पीएचडी स्कॉलर अब्दुल आला फाजिली को ऑनलाइन मैग्जीन में भड़काऊ और देशद्रोही आर्टिकल लिखने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि फाजिली को उसके हमहामा आवास से गिरफ्तार किया गया था क्योंकि एसआईए ने शहर में कई स्थानों पर आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी नेटवर्क पर अपनी कार्रवाई के तहत तलाशी ली थी.

अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच कर रही एसआईए ने अबुद्लु आला फाजिली और ‘द कश्मीर वाला’ मैग्जीन के एडिटर और अन्य सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और IPC की धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर के संबंध में तलाशी ली.

राजबाग में 'द कश्मीर वाला' के ऑफिस और हमहामा में फाजिली के आवासों पर तलाशी ली गई और सौरा में एडिटर फहद शाह को गिरफ्तार किया गया. सर्च ऑपरेशन में टीम ने कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों में आपत्तिजनक सबूत जब्त किए हैं. 'दासता की बेड़ियां टूट जाएंगी' टाइटल से फाजिली के द्वारा लिखा गया आर्टिकल अत्यधिक उत्तेजक और देशद्रोही जैसा है, जिससे जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा हो सकती है और युवाओं को हिंसा का रास्ता अपनाने की प्रेरणा मिल सकती है.
SIA अधिकारी

जांच एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि आर्टिकल में इस्तेमाल की गई भाषा अलगाववादी तत्वों को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित करती है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

उन्होंने आग कहा कि स्वतंत्रता और आतंकी संगठनों की बयानबाजी का बार-बार जिक्र यह स्पष्ट करता है कि आर्टिकल केवल प्रचार नहीं है बल्कि यह पाकिस्तान ISI की अभिव्यक्ति और उसके प्रायोजित आतंकवादी अलगाववादी नेटवर्क का एक नजरिया है.

केंद्र सरकार ने मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप के जरिए मार्च 2021 तक पांच साल के लिए फाजिली को 30 हजार रूपए प्रति माह का भुगतान किया ताकि वह खुद के लिए काम कर सकें और विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग में उनकी पीएचडी पूरी हो सके.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT