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पेगासस में कश्मीरी नेताओं का भी नाम, महबूबा मुफ्ती समेत 25 लोग शामिल

Pegasus जैसे स्पाइवेयर का प्रयोग सरकार किस तरह से अपने हितों के लिए कर सकती है, इसका खुलासा 18 जुलाई को हुआ.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>महबूबा मुफ्ती </p></div>
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महबूबा मुफ्ती

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पेगासस ( Pegasus) को लेकर रोज नई-नई खबरें सामने आ रही हैं, द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीरी नेताओ पर भी पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से निगरानी रखी जा रही थी. इस खबर में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, उसमें जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं. इसके अलावा इस लिस्ट में कश्मीर के कई कारोबारी और पत्रकारों के भी नाम हैं.

जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी के भाई तारिक बुखारी भी सूची में हैं, जिसमें कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के परिवार के कम से कम चार सदस्यों का नाम शामिल हैं.

बता दें कि पेगासस जैसे स्पाइवेयर का प्रयोग सरकार किस तरह से अपने हितों के लिए कर सकती है, इसका खुलासा 18 जुलाई को हुआ. एक भारतीय ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल ने अपने रिपोर्ट में दावा किया कि कम से कम 40 भारतीय पत्रकारों की जासूसी के लिए इजरायली स्पाइवेयर ,पेगासस का प्रयोग किया गया है. कम से कम 40 भारतीय पत्रकारों की जासूसी के लिए इजरायली स्पाइवेयर, पेगासस का प्रयोग किया गया है.

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सबसे पहले फ्रांस स्थित संस्था 'फॉरबिडन स्टोरीज' (Forbidden Stories) और लंदन,UK स्थित एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मिलकर सरकारों द्वारा पेगासस स्पाइवेयर की मदद से जासूसी करने से जुड़ी जानकारियों को इकट्ठा किया और फिर दुनिया के कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों के साथ इस जानकारी को शेयर किया. इसे 'पेगासस प्रोजेक्ट' नाम दिया गया.

18 जुलाई को इन मीडिया संस्थानों ने सरकारों द्वारा जासूसी की पहली खबर प्रकाशित की. पेगासस प्रोजेक्ट में 50 हजार नंबरों की जांच की गई है.

'द वायर' ने दावा किया कि कम से कम 40 भारतीय पत्रकारों के फोन को जासूसी के लिए पेगासस की मदद से हैक किया गया था.पेगासस के लिक्ड डेटा में मौजूद भारतीय फोन नंबरों में से कुछ पर किए गए स्वतंत्र डिजिटल फॉरेंसिक एनालिसिस के आधार पर यह पता चलता है कि उन पर पेगासस हैक का प्रयास हुआ था या हो चुका था.

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