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दिवाली पर बच्चों में सबसे ज्यादा क्रेज पटाखों को लेकर ही होता है. लाख मना करने पर भी सबसे ज्यादा आवाज वाले धमाकेदार पटाखे ही चाहिए.
खैर, बच्चे तो बच्चे हैं, लेकिन आप तो बड़े हैं. पटाखे जलाने से पहले रखें इन बातों का खयाल. बच्चों को भी सुरक्षित रखें और खुद भी रहें.
अगर पिछले कुछ साल के रेकॉर्ड उठाकर देखें, तो दिवाली पर जितनी भी दुर्घटनाएं हुई हैं, उनमें 98 फीसदी महिलाओं व 18 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ हुई हैं. वैसे भी दिवाली पर किसी भी तरह की दुर्घटना हो सकती है. ऐसे में आप फर्स्ट एड बॉक्स घर पर ही तैयार रखें.
जो पटाखे आपको जलाना नहीं आता, उन्हें खरीदिए भी मत या फिर पैकेट पर सारे इंस्ट्रक्शन अच्छी तरह पढ़ने के बाद ही उन्हें जलाएं. पटाखों का एक अलग डिब्बा बना लें. एक बात का ध्यान रखें कि डिब्बे में रखकर पटाखे बिलकुल न जलाएं.
पटाखे छोड़ने से पहले खुली जगह तलाश लें. आप घर या बाहर, जहां भी पटाखे जला रहे हों, ध्यान रखें कि उसके आसपास आसानी से जलने वाली कोई चीज मसलन पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलिंडर वगैरह न रखा हो.
पटाखे जलाते समय बच्चों के साथ रहें और उन्हें पटाखे चलाने का सुरक्षित तरीका बताएं. छोटे बच्चों को पटाखे न जलाने दें. पांच साल से छोटे बच्चों को तो फुलझड़ी भी न जलाने दें.
पटाखे जलाने के लिए मोमबत्ती या लंबी लकड़ी का इस्तेमाल करें. माचिस से आग लगाना खतरनाक हो सकता है. एक बार में एक ही पटाखा जलाएं. एक साथ कई पटाखे छोड़ने की हालत में आपका ध्यान बंट सकता है और यही लापरवाही हादसे की वजह बन जाती है. पटाखे जलाते समय पास में एक बाल्टी पानी और बरनॉल क्रीम जरूर रखें, ताकि बर्न की स्थिति में वक्त रहते राहत पाई जा सके.
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