Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सावधान ! दिल्ली में ‘पॉलिटिकल मेट्रो’ की रफ्तार बढ़ रही है

सावधान ! दिल्ली में ‘पॉलिटिकल मेट्रो’ की रफ्तार बढ़ रही है

क्या है डीएमआरसी की दलील, क्या है केजरीवाल का जवाब?

प्रबुद्ध जैन
भारत
Updated:


दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ना लगभग तय
i
दिल्ली मेट्रो का किराया बढ़ना लगभग तय
(फोटो: Altered by The Quint)

advertisement

दिल्ली मेट्रो के किराए पर छिड़ी जंग दिल्ली विधानसभा के दरवाजे से भीतर दाखिल होने को तैयार है. और विधानसभा के भीतर दाखिल होने का मतलब होगा...मेट्रो की सियासत का नए सिरे से परवान चढ़ना. वैसे तो 4 अक्तूबर को विधानसभा का विशेष सत्र, 15 हजार गेस्ट टीचर को रेगुलर करने के बिल को लेकर बुलाया गया है लेकिन इस बात के पूरे आसार हैं कि आम आदमी पार्टी के विधायक, मेट्रो किराए का मुद्दा, सदन के भीतर उछालेंगे.

दिल्ली में दौड़ती 'पॉलिटिकल' मेट्रो

केजरीवाल सरकार मेट्रो किराए को लेकर केन्द्र पर लगातार हमलावर बनी हुई है. पहले केजरीवाल का किराया बढ़ोतरी को ‘जनविरोधी’ बताने वाला बयान आता है, फिर सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत डीएमआरसी को एक चिट्ठी लिखते हैं. चिट्ठी में किराया न बढ़ाने की 'निर्देशनुमा' अपील की जाती है. जब डीएमआरसी चीफ मंगू सिंह ट्रांसपोर्ट मंत्री से मुलाकात और चिट्ठी दोनों के बावजूद किराया बढ़ाने के अपने रुख पर कायम रहते हैं तो केजरीवाल सरकार को मोर्चा पूरी तरह खोल देना पड़ता है. इस मोर्चे की अगुवाई खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया कर रहे हैं. दिल्ली सरकार ने शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप पुरी के उस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि किराये नहीं बढ़ाए गए तो मेट्रो का हाल भी डीटीसी सरीखा हो सकता है.

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर कहा कि बढ़े किराए के बाद मेट्रो में यात्री ही नहीं चले तो मेट्रो की हालत डीटीसी से भी बुरी हो जाएगी. मेट्रो की स्थापना कुछ लोगों को सेट करने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सहूलियत के लिए हुई थी.

अब केजरीवाल ने शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप पुरी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि किराया बढ़ाना 'अन्यायपूर्ण' है. किराए तब तक न बढ़ाया जाए जब तक केंद्र और दिल्ली सरकार संयुक्त रूप से डीएमआरसी के फैसले की समीक्षा न कर ले. आपको बता दें कि दिल्ली मेट्रो में केन्द्र और दिल्ली सरकार बराबर की साझीदार हैं.

किराये में बढ़ोतरी रोकने के लिए कोलकाता मेट्रो की मिसाल भी दी जा रही है. कोलकाता मेट्रो में 25 किलोमीटर या उससे ज्यादा के सफर के लिए अधिकतम 25 रुपये ही चुकाने होते हैं. वहीं नए किराए लागू होने पर 21 से 32 किलोमीटर के सफर के लिए दिल्ली मेट्रो आपसे 50 रुपये लेगा.

AAP ने दिया कोलकाता मेट्रो के कम किराए का हवाला(फोटो: मेट्रो रेलवे,कोलकाता)

क्या सरकार ने किराया बढ़ोतरी का पहले नहीं किया विरोध?

इस बीच ये भी आरोप लग रहे हैं कि दिल्ली सरकार, महज लोगों के साथ खड़े होने का दिखावा करके राजनीतिक माइलेज लेना चाहती है जबकि सच्चाई ये है कि सरकार ने कभी किराया बढ़ोतरी का विरोध किया ही नहीं.

इसमें दो पेच हैं. पहला ये कि किराए में बढ़ोतरी की बात तो बीते साल सितंबर 2016 में ही तय हो गई थी जब चौथी किराया निर्धारण कमेटी ने 7 साल बाद किराया बढ़ाने को लेकर रिपोर्ट सौंपी. बाद में तय हुआ कि किराए को दो फेज में बढ़ाया जाएगा. पहली बढ़ोतरी 10 मई से लागू होगी और दूसरी 1 अक्तूबर से. जिस किराया बढ़ोतरी को लेकर अब दिल्ली सरकार और केन्द्र आमने-सामने आ खड़े हुए हैं, उसमें कुछ भी अचानक नहीं हुआ. सब कुछ पहले से तय था. यहां तक कि कमेटी की बैठकों में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव केके शर्मा भी मौजूद रहे. लगातार लग रहे आरोपों पर अब केजरीवाल सरकार ने ये कहते हुए सफाई दी है कि वो हमेशा से मेट्रो किराए में बढ़ोतरी के खिलाफ रहे हैं.

अपने बचाव में सरकार ने 30 जून 2016 की एक चिट्ठी जारी की है जिसमें डीएमआरसी को किराया न बढ़ाने की अपील की गई थी. चिट्ठी में दलील दी गई कि अगर किराया बढ़ता है तो मुसाफिर मेट्रो की बजाय निजी वाहनों की ओर मुड़ सकते हैं. इससे दिल्ली में प्रदूषण भी बढ़ेगा. इसके अलावा महिलाओं और छात्रों के लिए मेट्रो सहूलियत का दूसरा नाम है. ऐसे में किराया बढ़ोतरी सही कदम नहीं होगा.
दिल्ली सरकार ने पहले भी किया था किराया बढ़ाने का विरोध(फोटो: Twitter)

अब इस चिट्ठी के जरिए सरकार अपने उन आलोचकों को जवाब देना चाहती है जो पहले किराया बढ़ोतरी पर ऐतराज न जताने के लिए उसे घेर रहे हैं. लेकिन एक सवाल अब भी बचता है. जब दो फेज में बढ़ने वाले किराए का बड़ा हिस्सा इस साल मई में बढ़ाया गया तब दिल्ली सरकार ने इस तरह का विरोध क्यों नहीं दर्ज कराया जो वो अब कर रही है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कैसे और क्यों बढ़ा किराया?

मेट्रो का किराया बढ़ाने के लिए बाकायदा एक कमेटी का गठन होता है. तीसरी कमेटी की सिफारिशें नवबंर 2009 में लागू हुईं. सबसे कम किराया ठहरा 8 रुपये पर और सबसे ज्यादा 30 रुपये पर. बीते 7 साल से यही किराया चला आ रहा था. सितंबर 2016 में चौथी किराया निर्धारण कमेटी ने अपनी सिफारिशें सौंप दीं. डीएमआरसी ने दो हिस्सों में किराया बढ़ाना तय किया.

पहले 10 मई 2017 और दूसरी बार 1 अक्तूबर 2017 से. डीएमआरसी के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया ताकि लोगों पर बढ़े किराए का बोझ अचानक न पड़े. किराए में ये बढ़ोतरी सौ फीसदी तक है. यानी, 2009 के अधिकतम 30 रुपये के किराए को मई में ही 50 रुपये कर दिया गया है और अब ये 60 रुपये होने जा रहा है. किराया बढ़ाने के लिए दलील दी गई कि बीते 7 साल में इंडस्ट्रियल डीए 95 फीसदी और केन्द्र का डीए 103 फीसदी बढ़ चुका है. मेट्रो की लागत, स्टाफ और दूसरी चीजों पर खर्च भी बढ़ा है.

लेकिन सवाल वही कि इस बढ़ोतरी के लिए 7 साल इंतजार करने की जरूरत क्या थी. क्यों नहीं दिल्ली मेट्रो ने सिलसिलेवार तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके किराया बढ़ाया? इसके अलावा मेट्रो को पसंदीदा सवारी मानने वाले दिल्ली के युवाओं का ख्याल क्यों नहीं रखा गया?

मेट्रो का अधिकतम किराया हो जाएगा 60 रुपये(फोटो: DMRC)

क्विंट ने इस मामले पर कुछ स्टूडेंट की राय भी जानी जिनके लिए मेट्रो उनके ट्रांसपोर्ट का अहम हिस्सा है. हर रोज यूनिवर्सिटी तक आना और घर पहुंचना इसी मेट्रो की बदौलत होता है.

(फोटो: द क्विंट)
(फोटो: द क्विंट)

दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच मेट्रो किराए पर खिंचे पालों में नए-नए दांव आजमाए जा रहे हैं. नए-नए सच सामने आ रहे हैं. लेकिन अब तक केन्द्र ने जो रुख दिखाया है उससे संकेत मिल रहे हैं कि 10 अक्तूबर से मेट्रो का किराया बढ़ना करीब-करीब तय है. हालांकि, केजरीवाल सरकार ने इस मुद्दे पर इतना विरोध तो दर्ज करा ही दिया है कि किराया बढ़ने की हालत में वो खुद को पीड़ित दिखाएं और न बढ़ने की हालत में लोगों के हित में काम करने वाला नेता.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 03 Oct 2017,06:35 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT