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खतरनाक वायरस निपाह एक बार फिर केरल में दस्तक दे चुका है. यहां पर निपाह वायरस का पहला पॉजिटिव केस सामने आया है. केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने इसकी जानकारी दी. इस वायरस को लेकर अभी फिलहाल 86 लोगों को निगरानी में रखा गया है. निपाह की आहट के बाद से ही पूरा राज्य अलर्ट पर था. लेकिन अब इसका पहला मामला सामने आने के बाद हर तरह की सावधानी बरती जा रही है.
निपाह को लेकर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी एक्शन में आ चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसके लिए एक अहम बैठक बुलाई. उन्होंने इसके बारे में ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने कहा, 'मैंने इस मामले को लेकर सुबह अपने घर पर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें स्वास्थ्य सचिव समेत बड़े अधिकारी मौजूद थे. हमने इसके लिए कल 6 अधिकारियों की टीम को केरल भेज दिया है.' स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम बारीकी से इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और पैनिक होने की कोई भी जरूरत नहीं है.
निपाह वायरस को इतना खतरनाक इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसी वायरस की वजह से पिछले साल करीब 17 लोगों की जान गई थी. यह वायरस सीधे दिमाग पर असर करता है और तेजी से फैलता है. इससे निपटने के लिए पिछले साल भी पूरे प्रशासन को खूब मेहनत करनी पड़ी. डॉक्टर्स की कई टीमों को इसके लिए तैनात किया गया है.
निपाह वायरस के फैलने की मुख्य वजह चमगादड़ हैं. यह वायरस एक तरह के चमगादड़ से इंसानों तक पहुंचता है. बताया जाता है कि इस तरह के खास चमगादड़ फलों आदि का रस चूसते हैं. इस वायरस की खासियत है कि ये बहुत तेजी से फैलता है. इसकी चपेट में आए इंसान से दूसरे इंसानों में भी वायरस फैल जाता है.
निपाह वायरस में आमतौर पर सबसे पहले तेज बुखार आता है. वायरस से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है. इसके अलावा तेज सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, बेचैनी होगा आदि इस वायरस के लक्षण हैं. वायरस इतना खतरनाक माना जाता है कि अगर इससे पीड़ित व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिला तो वो कोमा में जा सकता है या उसकी मौत हो सकती है.
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