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केरल के चर्चित कथित लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई जनवरी, 2018 में है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया है कि हदिया को पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज भेजा जाए और हॉस्टल का इंतजाम हो. वहीं हदिया ने कोर्ट में कहा कि वो अपनी आजादी चाहती हैं.
चीफ जस्टिम दीपक मिश्रा ने हदिया से पूछा कि क्या वो अपनी पढ़ाई राज्य के खर्चे पर जारी रखना चाहती हैं. हदिया ने दो टूक जवाब दिया कि वो अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं लेकिन अपने पति के खर्च पर. उन्होंने दलील दी की जब मेरे पति मेरा खर्च उठा सकते हैं ऐसे में मैं राज्य के खर्चे पर पढ़ाई नहीं करना चाहती हूं.
इससे पहले हदिया ने कोच्चि एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा कि वो अपने मुस्लिम पति के साथ रहना चाहती है और उसका किसी ने जबरदस्ती धर्म परिवर्तन नहीं कराया है.
हदिया को कड़ी सुरक्षा के बीच कोच्चि से दिल्ली लाया गया है. इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर को हदिया के पिता को अपनी बेटी को 27 नवंबर को पेश करने के लिए कहा था.
बता दें कि इस शादी को केरल हाईकोर्ट ने लव जिहाद का मामला बताते हुए रद्द कर दिया था, और हदिया की कस्टडी उसके मां बाप को दे दी थी. अपनी शादी बचाने के लिए हदिया के पति शाफीन ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी.
जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने सवाल उठाया था कि कैसे किसी बालिग को उसकी मर्जी के बिना कस्टडी में रखा जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में हदिया के पिता की उस याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें वो अपनी बेटी की मुस्लिम युवक से शादी का विरोध करते हुए लव जिहाद बता रहे हैं.
वहीं कोर्ट ने पिछली सुनवाई के वक्त कहा था,
हदिया के पिता का आरोप है कि हदिया का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया गया है, उसका पति शाफीन कट्टर मानसिकता का है और उसके आतंकवादी संगठन ISIS से रिश्ते हैं.
हदिया ने अगस्त 2016 में इस्लाम धर्म अपना लिया था. हादिया ने मुस्लिम शख्स शाफीन जहां से दिसंबर 2016 में निकाह किया था. शाफीन मस्कट की एक कंपनी में मैनेजर था. दोनों की शादी की खबर मिलने के बाद हदिया के पिता हाई कोर्ट पहुंच गए. 21 दिसंबर, 2016 को हदिया पति के साथ हाईकोर्ट के सामने आई. लेकिन कोर्ट ने उसे हॉस्टल भेज दिया. 24 मई, 2017 को हाईकोर्ट ने शादी खारिज कर दी. उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच के आदेश दिए थे.
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