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केरल के 'लव जिहाद' मामले में चर्चा का केंद्र बनी हदिया अपने पति से मिलना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पढ़ाई पूरी करने के लिए हदिया को तमिलनाडु के सलेम में भेज दिया गया है. हदिया ने बुधवार को कहा कि वो अपने प्यार यानी अपने पति शफीन जहान से मिलने की आजादी चाहती है.
मूल रूप से हिंदू 24 वर्षीय हदिया ने अपने मुस्लिम प्रेमी से शादी कर ली थी और धर्म बदल लिया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सर्जरी कोर्स को पूरा करने के लिए उसे होम्योपैथी कॉलेज भेजा है, जिसे हदिया को 11 माह में पूरा करना है.
हदिया ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वो अपने माता-पिता की निगरानी से आजादी चाहती है. कोर्ट ने उसके पक्ष में आदेश देते हुए उसे माता-पिता की निगरानी से मुक्त कर दिया और कॉलेज भेजने का आदेश दिया. कॉलेज पहुंचे के एक दिन बाद हदिया ने कहा, "मुझे नहीं पता कि क्या मैं एक बार फिर से जेल जा रही हूं?"
हदिया ने कहा कि कॉलेज को नहीं पता कि क्या करना है और क्या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हदिया ने कहा, "मुझे भरोसा है कि पूरी बात जानने के बाद कॉलेज मुझे सारी सुविधाएं मुहैया कराएंगे. सुविधाओं के मिलने या नहीं मिलने के बारे में मैं दो या तीन दिन बाद बात करूंगी. इसके साथ ही मैं ये भी बताऊंगी कि मैं कितनी सुरक्षित हूं या परेशान हूं?"
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मूल रूप से केरल की रहने वाली हदिया का नाम अखिला था और वो मूल रूप से हिंदू थी. पढ़ाई के दौरान उसने इस्लाम धर्म कबूल किया और अपने प्रेमी जहान से शादी की. इस बारे में हदिया के माता-पिता को तब जानकारी मिली, जब उसने एक धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार किया.
हदिया के माता-पिता को लगा कि उनकी बेटी 'लव जिहाद' की शिकार हुई है. ऐसे में पिता के एम अशोकन ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने इस शादी को रद्द करने का आग्रह किया, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए बाद में हदिया के पति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने हदिया को उसकी इच्छा के मुताबिक माता-पिता की कस्टडी से मुक्त किया है, लेकिन अभी मामले की सुनवाई पूरी नहीं की है. इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी 2018 में होगी.
(इनपुटः IANS से)
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