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केरल (Kerala) में ट्रेन में आग लगाने वाले मुख्य संदिग्ध शाहरूख सैफी (30) को मंगलवार (4 अप्रैल) देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन, शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के सामने कई सवाल खड़े हैं.
शाहरुख ने ऐसा क्यों किया, इसके पीछे क्या मकसद था?
क्या इसकी प्लानिंग पहले से की गई थी?
क्या शाहरुख किसी एजेंडे पर काम कर रहा था?
अगर एजेंडे पर काम कर रहा था, तो वो एजेंडा किसका था?
अगर किसी एजेंडे पर काम नहीं कर रहा था, तो फिर बैग में पेट्रोल लेकर क्यों गया था?
और सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर वो जा कहां रहा था, क्योंकि परिवार को उसके बारे में कुछ पता नहीं था?
महाराष्ट्र ATS ने NIA के साथ मिलकर सैफी को रत्नागिरी के एक रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया और उसके बाद, आरोपी को केरल पुलिस को सौंप दिया गया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि सैफी दिल्ली के शाहीन बाग का निवासी हैं. वह शुक्रवार (31 मार्च) को कथित तौर पर घर से निकला था.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया, "उनके घर पर तलाशी ली गई लेकिन कुछ भी नहीं मिला. उसके पिता से पूछताछ की गई. उसने कहा कि उसका बेटा काम पर जाने की बात कहकर घर से निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा. परिवार ने उसे फोन करने की कोशिश की लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ था, बाद में उन्होंने (2 अप्रैल को) गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई."
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, "एजेंसियों ने शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया है. उनके माता-पिता ने कहा कि वे मामले के बारे में कुछ नहीं जानते हैं."
बताया जा रहा है कि पुलिस को उसकी लोकेशन रत्नागिरी में ट्रेस हुई थी. शाहरुख सैफी अपने सिर की चोटों के इलाज के लिए रत्नागिरी सिविल अस्पताल में पहुंचा था. ट्रेन से नीचे उतरते समय गिरने के कारण उसे चोट लग गई थी. वह इलाज पूरा किए बिना अस्पताल से भाग गया. इसके बाद रत्नागिरी क्षेत्र में व्यापक तलाशी ली गई और शाहरुख सैफी को ढूंढ कर हिरासत में लिया गया.
इससे पहले यूपी ATS ने सोमवार (3 अप्रैल) को बुलंदशहर के स्याना से शाहरुख सैफी नाम के एक शख्स को पकड़ा था, जो कार्पेंटर का काम करता है. पुलिस ने उससे और उसके परिवार से घंटों पूछताछ की और बाद में छोड़ दिया.
दरअसल, 2 अप्रैल की रात को, एक अज्ञात व्यक्ति ने कन्नूर जाने वाली अलप्पुझा-कन्नूर एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस में घुसा और यात्रियों पर एक ज्वलनशील तेल छिड़ककर आग लगा दी. इस दौरान ट्रेन से कूदकर भागने की कोशिश में तीन लोगों की मौत हो गई थी. जांच के दौरान पुलिस को एक बैग मिला, जिसमें हिंदी में कुछ लिखा हुआ और यूपी के एक व्यक्ति से जुड़ा फोन नंबर मिला था.
इसके बाद केरल पुलिस ने एक गवाह की मदद से संदिग्ध का स्कैच तैयार किया था. पुलिस ने सैफी की गिरफ्तारी को लेकर कई टीमों का गठन किया और यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली सहित कई राज्यों में तलाशी अभियान चलाया.
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