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दिल्ली स्थित सामाजिक संगठन खुदाई खिदमतगार के फाउंडर फैसल खान को 2 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था. ये गिरफ्तारी खान और तीन अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद हुई. मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा में नंद बाबा मंदिर में बिना इजाजत के कथित रूप से नमाज पढ़ने के सिलसिले में दर्ज हुआ था. खान का संगठन देश में सांप्रदायिक सौहाद्र को बढ़ावा देने का काम करता है.
नेशनल लीडरशिप काउंसिल के सदस्य और खुदाई खिदमतगार के प्रवक्ता पवन यादव ने क्विंट को बताया, "फैसल को 2 नवंबर की शाम 4 बजे गिरफ्तार किया गया और जामिया नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया और फिर यूपी पुलिस को हैंडओवर किया गया." यादव ने फैसल खान और तीन अन्य के खिलाफ सभी आरोप और धाराओं को खारिज किया.
FIR मथुरा के बरसाना पुलिस स्टेशन में 1 नवंबर को फैसल, चांद मोहम्मद, अलोक रतन और नीलेश गुप्ता के खिलाफ दर्ज हुई.
क्विंट ने FIR देखी है. इसमें लिखा गया है: "मंदिर परिसर में मौजूद लोगों को जानकारी दिए और इजाजत लिए बिना खुदाई खिदमतगार के चार लोगों ने नमाज पढ़ी. जो लोग इनके साथ आए थे, उन्होंने फोटो लिए और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए और वो वायरल हो गए. इनकी हरकतों की वजह से हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. हमें संशय है कि ये लोग मंदिर की तस्वीर गलत रूप में इस्तेमाल करेंगे. हमें इनके संगठन को लेकर भी संशय है और क्या इसे विदेश के मुस्लिम संस्थानों से फंडिंग मिलती है. हम एक जांच चाहते हैं क्योंकि हम चिंतित है कि ये इलाके के सौहाद्र को नुकसान पहुंचाएगा."
फैसल खान मथुरा में अपनी ब्रज यात्रा के दौरान पहुंचे थे. इस यात्रा में वृन्दावन, बरसाना जैसी जगहों के मंदिर गए थे. सांप्रदायिक सौहाद्र को बढ़ावा देने के लिए वो कई मंदिरों में गए थे.
पवन यादव ने कहा, "वो इलाके के सभी मंदिर जा रहे थे. जब वो नंद बाबा मंदिर पहुंचे तो उन्होंने पुजारियों से बात की, खुद दर्शन किए और प्रसाद भी लिया. नमाज का समय हो गया था तो चार में से दो लोग जाने लगे, जबकि दो लोग वहीं रुकने लगे. जब वो जाने लगे तो मंदिर के लोगों ने उन्हें रोका और कहा कि ये भी भगवान का घर है और वो यहां नमाज पढ़ सकते हैं. इसलिए वो मंदिर से तीन सीढ़ी नीचे आए और नमाज पढ़ी. मामले को घुमा दिया गया है."
यादव ने कहा कि लौटने के कुछ दिन बाद तक कोई परेशानी नहीं थी लेकिन फिर चौथे दिन FIR दर्ज की गई.
फ्रंटियर गांधी कहे जाने वाले खान अब्दुल गफ्फार खान ने खुदाई खिदमतगार संगठन शुरू किया था. 2011 में फैसल खान ने इस संगठन को दोबारा शुरू किया.
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