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किसानों ने फिर भरी हुंकार, मुजफ्फरनगर में महापंचायत का मंच तैयार,जोरों पर तैयारी

Muzaffarnagar में PAC की छह कंपनियां और RAF की दो कंपनियां तैनात

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<div class="paragraphs"><p>मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत</p></div>
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मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत

(फोटो- एक्सेस बाई क्विंट)

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तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन की धार 10 महीने बाद भी कम नहीं हुई है. फिर से सरकार के सामने शक्ति प्रदर्शन करने और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए आंदोलनरत किसान 5 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में 'किसान महापंचायत' (Kisan Mahapanchayat) का आयोजन कर रहे हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के बैनर तले कृषि कानून विरोधी आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संघों ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के किसान महापंचायत में हिस्सा लेंगे. आगामी यूपी और पंजाब विधानसभा चुनाव में किसान संघों के व्यापक प्रभाव के मद्देनजर यह 'किसान महापंचायत' अपने आप में खास हो जाता है.

'किसान महापंचायत' को सफल बनाने के लिए किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई जगहों पर बैठक आयोजित किया.

सरकार को दिया 8 सितंबर का अल्टीमेटम

10 महीने के विरोध और सरकार के साथ 10 राउंड की बैठक के बाद भी सहमति नहीं बन पायी है. किसानों का स्टैंड साफ है कि वे कानून वापस लिए जाने से कम पर राजी होने वाले नहीं.

ऊपर से विरोध करने वाले कई किसानों पर पुलिस द्वारा दर्ज किये गए मामलों ने सरकार-किसान के बीच अविश्वास को और गहरा कर दिया है. ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर 8 सितंबर तक किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
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'किसान महापंचायत’ के लिए बड़े स्तर पर तैयारी

मुजफ्फरनगर के किसान महापंचायत से पहले जाटलैंड बागपत में आज किसानों को लामबंद करने के लिए बैठक आयोजित की गयी. बागपत में हरियाणा से चौधरी टेक राम कंडेला और देशखाप 84 चौधरी सुरेन्द्र सिंह आज राकेश टिकैत के भांजे राजेन्द्र सिंह के आवास पर पहुँचे और कल मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत को सफल बनाने का आह्वान किया.

चौधरी टेक राम ने बताया कि हरियाणा के सभी 22 जनपदों में बड़े गांव में 10 गाड़िया और छोटे गावो में 5 गाड़ियों की व्यवस्था है. इसके अलावा हरियाणा से लगे उत्तर प्रदेश के गांवों से ट्रैक्टरों की मदद से भारी संख्या में किसान मुजफ्फरनगर पहुचेंगे और पँचायत में शामिल होंगे.

“पंचायत की कोई नाप-तोल, कोई गणना नही है कि कितनी बड़ी होगी . शायद भारत से इस पंचायत से बड़ी कोई पंचायत नही हुई. उसी की तैयारी में लगे हुए हैं. सरकार कुछ नही सुन रही. सरकार में बस दो लाटसाहब आ गए हैं. एक प्रधानमंत्री और दूसरा ग्रहमंत्री . और तो इनके नौकर है वो सुन नही रहे.गाड़ी, बस, मोटरसाईकल , भैस बुग्गी सब साधनों से जाएंगे. लगता है कि घरो में आदमी ही नही रहेंगे.”
राजेन्द्र सिंह

यूपी सरकार ने बढ़ाई सुरक्षा

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. मुजफ्फरनगर में पीएसी की छह कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की जा रही हैं.

सहारनपुर रेंज के डीआईजी प्रीतिंदर सिंह ने शनिवार,4 अगस्त को कहा कि महापंचायत की वीडियोग्राफी कराई जाएगी तथा पांच एसएसपी, सात एएसपी और 40 पुलिस निरीक्षक सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे.

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Published: 04 Sep 2021,08:36 PM IST

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