advertisement
देश भर में फैली बेरोजगारी के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने सोमवार, 22 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर महापंचायत आयोजित की गई है. इस 'महापंचायत' के लिए रविवार, 21 अगस्त से कई संगठनों से जुडें किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आ रहे हैं, जिन्होंने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट का नेतृत्व किया था. इससे पहले रविवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था.
किसानों द्वारा बुलाई गए विरोध प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जबकि जंतर मंतर के आसपास के इलाकों में आवाजाही को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और सिंघू बॉर्डर पर बैरिकेड्स और चेकिंग बढ़ा दी गई है.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों के इकट्ठा होने से यातायात की समस्या हो सकती है और अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं. इसने सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया है और बैरिकेड्स लगा रखे है.
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को रविवार को दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर से उस वक्त हिरासत में लिया, जब वह दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे. हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें मधु विहार थाने ले जाया गया, जहां पुलिस ने उनसे बात की और वापस लौटने का अनुरोध किया.
राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में लिखा कि मोदी सरकार बेरोजगारों, युवाओं, किसानों और मजदूरों के उत्पीड़न पर आमादा है. अधिकारों की लड़ाई के लिए लंबे संघर्ष को तैयार रहना होगा. केंद्र की शह पर दिल्ली पुलिस ने बेरोजगार युवाओं से नहीं मिलने दिया. सरकार के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस किसानों की आवाज को नहीं दबा सकती, यह गिरफ्तारी एक नई क्रांति लेकर आएगी.
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता गोपाल राय ने टिकैत की नजरबंदी की निंदा की. उन्होंने राकेश टिकैत का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि रोजगार आंदोलन, जंतर मंतर पर आ रहे किसान नेता राकेश टिकैत को पुलिस ने बॉर्डर पर ही रोका, यह बहुत ही निंदनीय है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)