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देश में कितना काला धन है और कहां-कहां छिपा है, इसकी सही-सही जानकारी तो किसी को भी नहीं है. लेकिन, नोटबंदी के बाद से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट समेत कई अन्य सरकारी एजेंसियां छापेमारी में लगी हुई हैं.
इन छापों में लाखों रुपये बरामद होने से लेकर करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त होने जैसे मामले शामिल हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 8 नवंबर के बाद से अब तक लगभग 400 से ज्यादा मामलों की जांच शुरू कर चुका है.
शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोटक महिंद्रा बैंक पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी. इनकम टैक्स आॅफिसर्स ने कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित इस बैंक ब्रांच में छापेमारी कर फर्जी अकाउंट्स का खुलासा किया है.
छापेमारी के दौरान बैंक के 9 फर्जी अकाउंट में 34 करोड़ का अघोषित धन जमा कराने का मामला सामने आया है.
छापेमारी के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के आॅफिशियल स्पोकपर्सन रोहित राव का बयान आया.
उनके आॅफिशियल बयान के अनुसार बैंक सभी बड़े लेन-देन की जरुरी रिपोर्ट वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) के पास दर्ज कराता रहा है.
बैंक ने अपने पास कोई भी फर्जी अकाउंट होने से इनकार किया है. बैंक जांच अधिकारियों का पूरा सहयोग कर रही है.
वहीं एक और फर्जीवाड़े मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने रमेश चंद और राजकुमार गोयल को 57.7 लाख रुपए के हेरफेर मामले में गिरफ्तार किया है. ये मामला ग्रेटर कैलाश-2 में स्थित काॅर्पोरेशन ब्रांच का है.
आपको बता दें कि आश्चर्यजनक रुप से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर प्राइवेट बैंक आ रहे हैं. नोटबंदी के बाद से प्राइवेट बैंकों के बड़े फर्जीवाड़े और हेराफेरी के खेल में शामिल होने की बात सामने आ रही है.
जांच एजेंसियां इनपर कड़ी निगरानी रख रही हैं और कार्रवाई भी कर रही है. हाल ही दिल्ली के ही एक्सिस बैंक में ब्लैक मनी को व्हाइट में बदलने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ था.
15 दिसंबर को हुए एक ताजा मामले में नोएडा के सेक्टर 50 की एक्सिस बैंक ब्रांच में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा, जिसमें 20 फर्जी कंपनियों के खाते सामने आए. इन अकाउंट में 60 करोड़ से ज्यादा की रकम जमा है.
इससे पहले आयकर विभाग ने दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में एक्सिस बैंक की एक ब्रांच में छापेमारी के दौरान 44 फर्जी अकाउंट का खुलासा किया था. नोटबंदी के बाद इन अकाउंट में लगभग 100 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा कराए गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक इन अकाउंट में आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद से लेकर अब तक लगभग 100 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा किए गए.
वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक पर भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड कर नकेल कसने की शुरुआत कर दी है. प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंकों पर लगातार काले धन को सफेद करने के आरोप लग रहे हैं. लगातार ऐसे मामले सामने आने से कई सवाल उठ रहे हैं.
क्या प्राइवेट बैंक के जरिए कालेधन को सफेद में बदलने की कोशिश की जा रही है?
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