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पिछले साल मार्च में किसानों को कुचलने के आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत अर्जी का उत्तर प्रदेश सरकार ने विरोध किया था. लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली एक याचिका के जवाब में, उत्तर प्रदेश सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा कि आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला संबंधित अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में के गवाह पर हमला करने के आरोपों से भी इनकार किया है. सरकार की ओर से कहा गया कि होली पर रंग फेंकने को लेकर विवाद हुआ था.
सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया कि हमलावरों ने धमकी दी थी कि अब जब बीजेपी यूपी चुनाव जीत गई है तो वे उसका "ध्यान" रखेंगे.
इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग करने वाले पीड़ितों के परिजनों द्वारा दायर याचिका पर चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली बुधवार, 30 मार्च को सुनवाई करेंगे.
कोर्ट ने 16 मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार और आशीष मिश्रा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था कि क्यों न उनकी जमानत रद्द की जाए. कोर्ट ने एक गवाह पर हुए हमले पर भी चिंता व्यक्त की.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद एक प्रमुख गवाह पर बेरहमी से हमला किया गया था.
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