advertisement
लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को अंतिम अरदास का आयोजन किया गया. इसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए.
किसानों के अलावा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) भी इस अरदास में शामिल हुए.
केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी, मुआवजे और एसआईटी जांच के ऐलान के बाद भी किसानों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है. लखीमपुर खीरी में घटना वाली जगह से कुछ दूर हुए कार्यक्रम के बाद यह साफ हो गया है कि किसान इस मुद्दे पर अब केंद्र और राज्य सरकार से लंबी लड़ाई के मूड में हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अंतिम अरदास कार्यक्रम के बाद कहा गया कि इन घटनाओं ने किसानों के प्रदर्शन को कमजोर नहीं किया है, बल्कि इससे प्रदर्शन और मजबूत हुआ है.
तिकुनिया में हुई अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी कार्यक्रम में पहुंचे.
मंगलवार को मृतकों के लिए अंतिम अरदास के मौके पर उन्होंने कहा, "24 अक्टूबर को मृतकों की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी और 26 अक्टूबर को लखनऊ में पंचायत होगी, जिसमें आगे की कार्रवाई तय की जाएगी."
अंतिम अरदास में शामिल हुए किसान केवल उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और कई जिलों से आएं हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों को अरदास में शामिल होने से रोकने की पूरी कोशिश की. यूपी पुलिस द्वारा लगाए गए तमाम अवरोधों के बावजूद लोग बड़ी संख्या में तिकुनिया पहुंचने में सफल रहे".
मोदी सरकार में मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे पर 3 अक्टूबर की उस घटना में शामिल होने का आरोप है, जिसमें चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. लेकिन अजय मिश्र टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी पर अड़े हैं.
दोषियों को सजा के लिए आंदोलन तेज करेंगे किसान
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बताया गया कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शहीद कलश यात्रा निकाली जाएगी. केवल यूपी ही नहीं देशभर में ऐसा किया जाएगा. ये यात्राएं लखीमपुर खीरी हत्याकांड और किसान आंदोलन की समग्र मांगों के साथ न्याय के लिए संघर्ष करेगी. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने की कोशिश होगी.
किसानों ने लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)