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लखीमपुर खीरी में अंतिम अरदास के लिए जमा हुए हजारों किसान, आगे क्या होगी रणनीति?

किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, सांप्रदायिक राजनीति से आंदोलन को कमजोर करने की बीजेपी की योजना को विफल कर देंगे

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<div class="paragraphs"><p>लखीमपुर खीरी में अंतिम अरदास के लिए जमा हुए किसान</p></div>
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लखीमपुर खीरी में अंतिम अरदास के लिए जमा हुए किसान

(फोटो- पीटीआई)

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लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को अंतिम अरदास का आयोजन किया गया. इसमें हजारों की संख्या में किसान शामिल हुए.

किसानों के अलावा कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) भी इस अरदास में शामिल हुए.

केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी, मुआवजे और एसआईटी जांच के ऐलान के बाद भी किसानों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है. लखीमपुर खीरी में घटना वाली जगह से कुछ दूर हुए कार्यक्रम के बाद यह साफ हो गया है कि किसान इस मुद्दे पर अब केंद्र और राज्य सरकार से लंबी लड़ाई के मूड में हैं.

शहीद हुए किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा, सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति से किसान आंदोलन को कमजोर करने की बीजेपी-आरएसएस की योजना को पूरी तरह से विफल कर दिया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा

अंतिम अरदास में शामिल हुए राकेश टिकैत ने क्या कहा?

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अंतिम अरदास कार्यक्रम के बाद कहा गया कि इन घटनाओं ने किसानों के प्रदर्शन को कमजोर नहीं किया है, बल्कि इससे प्रदर्शन और मजबूत हुआ है.

तिकुनिया में हुई अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी कार्यक्रम में पहुंचे.

मंगलवार को मृतकों के लिए अंतिम अरदास के मौके पर उन्होंने कहा, "24 अक्टूबर को मृतकों की अस्थियां विसर्जित की जाएंगी और 26 अक्टूबर को लखनऊ में पंचायत होगी, जिसमें आगे की कार्रवाई तय की जाएगी."

"अगर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार नहीं किया गया तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा, "मंत्री और उनके बेटे को आगरा में अलग-अलग बैरक में रखा जाना चाहिए, लखीमपुर जेल में नहीं, क्योंकि वे हत्या के दोषी हैं. मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए."
राकेश टिकैत
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पुलिस पर किसानों को रोकने का आरोप

अंतिम अरदास में शामिल हुए किसान केवल उत्तर प्रदेश से ही नहीं बल्कि पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और कई जिलों से आएं हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि "उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों को अरदास में शामिल होने से रोकने की पूरी कोशिश की. यूपी पुलिस द्वारा लगाए गए तमाम अवरोधों के बावजूद लोग बड़ी संख्या में तिकुनिया पहुंचने में सफल रहे".

क्या है संयुक्त किसान मोर्चा की आगे की रणनीति?

मोदी सरकार में मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे पर 3 अक्टूबर की उस घटना में शामिल होने का आरोप है, जिसमें चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. लेकिन अजय मिश्र टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी पर अड़े हैं.

दोषियों को सजा के लिए आंदोलन तेज करेंगे किसान

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बताया गया कि उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में शहीद कलश यात्रा निकाली जाएगी. केवल यूपी ही नहीं देशभर में ऐसा किया जाएगा. ये यात्राएं लखीमपुर खीरी हत्याकांड और किसान आंदोलन की समग्र मांगों के साथ न्याय के लिए संघर्ष करेगी. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने की कोशिश होगी.

किसानों ने लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है.

इसके अलावा 15 अक्टूबर को किसान पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अजय मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर, योगी आदित्यनाथ, मनोहर लाल खट्टर और अन्य बीजेपी नेताओं के पुतले जलाएंगे.

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Published: 12 Oct 2021,07:46 PM IST

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