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लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और उसके बाद हुई हिंसा की जांच की निगरानी के लिए राज्य से बाहर के पूर्व हाई कोर्ट जज की नियुक्ति को लेकर यूपी सरकार सहमत हो गई है. कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच को लेकर यूपी सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने जांच की निगरानी के लिए हाई कोर्ट के कुछ पूर्व जजों के नाम भी सुझाए थे.
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ कर रही है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 नवंबर तक के लिए टाल दी है. कोर्ट ने कहा कि उसे पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन समेत अन्य नामों पर विचार करने के लिए एक दिन का वक्त चाहिए.
पिछली बार 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की थी, उस वक्त जांच की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि 10 दिन का वक्त दिए जाने के बाद स्टेटस रिपोर्ट में केवल यह लिखा है कि गवाहों से पूछताछ की गई.
कोर्ट ने नाराजगी जताई थी कि मामले में 13 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मोबाइल केवल एक आरोपी आशीष मिश्र का जब्त किया गया है.
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र और उसके सहयोगियों पर है. किसानों को कुचलने और इसके बाद हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी. मामले में केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र समेत 13 आरोपियों को जांच कर रही एसआईटी ने गिरफ्तार किया है.
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