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बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को सीबीआई की विशेष अदालत चारा घोटाले के एक मामले में गुरुवार को सजा सुनाने वाली है. पहले सजा पर फैसला बुधवार को आना था, लेकिन इसे अगले दिन के लिए टाल दिया गया. अदालत ये तय करेगी कि लालू को कितने साल जेल की सजा होगी. आगे उन्हें हाईकोर्ट से आसानी से जमानत मिल पाएगी या नहीं, ये भी बहुत कुछ सजा पर निर्भर है. जाहिर है, ये वक्त लालू के लिए बेहद अहम है. इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवार के लोग और कार्यकर्ता मंदिर से लेकर मजार तक मन्नत मांग रहे हैं.
लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव अपने पिता की रिहाई और सलामती के लिए बुधवार सुबह पटना जंक्शन के पास वाले महावीर मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने अदालत पर भी पूरा भरोसा जताया.
हालांकि तेजप्रताप के लिए मंदिर जाकर पूजा करना कोई नई बात नहीं है. खुद लालू प्रसाद भी इस महावीर मंदिर में जाते रहे हैं.
स्टेशन के एकदम पास होने की वजह से पटना आने वाले ज्यादातर लोग इस प्राचीन मंदिर से वाकिफ हैं. यहां हनुमान जी की दो मूर्तियां साथ-साथ, युग्म रूप में विराजमान हैं.
प्रदेश में लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी का आधार बड़ा है, इसलिए कई जगहों पर पार्टी से जुड़े नेता-कार्यकर्ता उनके लिए दुआ मांगने में जुटे हैं. लालू की रिहाई के लिए मुंगेर के प्रसिद्ध चंडिका स्थान में भी कार्यकर्ताओं ने पूजन-हवन किया. पार्टी के मुंगेर जिलाध्यक्ष की अगुवाई में कई कार्यकर्ता चंडिका स्थान पर पहुंचे थे.
चंडिका देवी मुंगेर शहर से करीब 4 किमी दूर स्थित है. इस धार्मिक स्थल की गिनती देश के 52 शक्तिपीठों में की जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, यहीं पर देवी सती की बांई आंख गिरी थी.
आरजेडी के कई कार्यकर्ताओं ने अपने नेता की खातिर मुंगेर के पीर नफा साहेब की मजार पर दुआ मांगी. चादर चढ़ाकर मन्नत मांगी गई.
बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को लालू प्रसाद को दोषी करार दिया था. गुरुवार को सजा की मियाद तय होने और इसके बाद भी पूजा और मन्नतों का दौर चल सकता है.
(इनपुट IANS से)
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