Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पेट्रोल-डीजल-गैस छोड़िये नींबू में बढ़ी खटास, त्योहारी सीजन में 200 रु/Kg पहुंचा

पेट्रोल-डीजल-गैस छोड़िये नींबू में बढ़ी खटास, त्योहारी सीजन में 200 रु/Kg पहुंचा

रमजान और गर्मी का सीजन शुरू हो गया है ऐसे में इन चीजों की मांग बढ़ जाती है और सप्लाय नहीं हो पा रही है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>नींबू</p></div>
i

नींबू

फोटो- पिक्साबे

advertisement

पेट्रोल (Petrol), डीजल (Diesel) की कीमतें तो आसमाम छू ही रही है लेकिन इस त्योहारी सीजन में नींबू की कीमतें भी सर चढ़ रही हैं. सप्लाय में कमी और खट्टे फलों की मांग बढ़ने के कारण गुजरात के राजकोट में नींबू की कीमतों में तेजी आई है.

जाहिर है रमजान और गर्मी का सीजन भी शुरू हो गया है ऐसे में इन चीजों की मांग बढ़ जाती है लेकिन जब सप्लाय नहीं हो पाती तो कीमतों में उछाल आ जाता है.

इस समय नींबू 200 रुपए प्रति किलो से बिक रहे हैं जबकि इससे पहले नींबू 50-60 रुपए किलो की दर से बिक रहे थे. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक ग्राहक ने कहा, "नींबू की कीमत ₹200/किलो हो गई है. यह पहले लगभग ₹50-60/किलोग्राम थी. हमें सब कुछ एक बजट में फिट करना है. लेकिन कीमत में यह वृद्धि हमारे 'रसोई बजट' को प्रभावित कर रही है. हम नहीं जानते कीमतें कब कम होंगी. "

एक अन्य ग्रहक ने कहा, "लगभग हर सब्जी की कीमतें बढ़ गई हैं. लेकिन यह हमारी अपेक्षा से अधिक है. एक मध्यम वर्ग के ग्राहक के लिए इतनी महंगी सब्जियां खरीदना मुश्किल है. हम पहले की तरह बड़ी मात्रा में नींबू नहीं खरीद पा रहे हैं. यह बढ़ोतरी पिछले साल मार्च के महीने में हम जो कीमत चुका रहे थे, वह लगभग दोगुनी है, पता नहीं अप्रैल-मई में क्या होगा."

एक और ग्राहक ने कहा, "पहले हम हर हफ्ते एक किलो नींबू खरीदते थे, लेकिन अब कीमत बढ़ने के कारण हमें इसे घटाकर 250 या 500 ग्राम करना पड़ रहा है. इससे हमारे खर्च प्रभावित हुए हैं."

इन कीमतों में हुए उछाल ने व्यापारियों को भी प्रभावित किया है क्योंकि खरीदार अचानक कीमत बढ़ने के बाद कम मात्रा में नींबू खरीदने को मजबूर हैं. इसलिए, कीमतों में वृद्धि ने व्यापारियों और खरीदारों दोनों को ही प्रभावित किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT