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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने बुधवार, 27 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी मेगा इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को 4 मई को लॉन्च करने का ऐलान लिया है जो कि 9 मई तक जारी रहेगा. यह देश का होने वाला सबसे बड़ा IPO है. वहीं एंकर निवेशकों के लिए आईपीओ 2 मई से खुलेगा.
पॉलिसीधारकों के लिए 10% या 2.21 करोड़ शेयर्स और कर्मचारियों के लिए 1.58 करोड़ शेयर्स आरक्षित होंगे.
LIC अपनी पांच फीसदी हस्सेदारी की जगह आईपीओ के जरिए 3.5 फीसदी हिस्सेदारी या 22 करोड़ से ज्यादा शेयर बेजेगी. इसके जरिए कंपनी 20,550 करोड़ से ज्यादा रुपये जुटाएगी. हालांकि इसके बाद कंपनी की वैल्यूएशन 6 लाख करोड़ आंकी गई है.
LIC IPO के जरिए पहले कंपनी की 5 फीसदी हिस्सेदारी बेची जा रही थी लेकिन अब इसे 3.5 फीसदी कर दिया गया. एलआईसी के इस फैसले की वजह निवेशकों में घटते उत्साह को माना गया है. युद्ध के कारण शेयर बाजार में तेजी से हालात बदले क्योंकि रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है. दीपम के सचिव तुहिन कांता पांडे का कहना है कि भले ही साइज छोटी हो गई हो लेकिन ये अब भी भारत का सबसे बड़ा आईपीओ है.
एलआईसी के अध्यक्ष एम आर कुमार ने कहा, यह एलआईसी 3.0 की शुरुआत है. उन्होंने वैल्यूएशन घटाने के पीछे तर्क दिया कि इसे घटाने के पीछे मौजूदा हालात हैं और अभी लिस्टिंग की जरूरत है. सरकार आगे विनिवेश करेगी या नहीं, इस पर अभी चर्चा होनी है. ये तय है कि हालिया भविष्य में हम और विनिवेश नहीं करेंगे, लेकिन समय के साथ हम 20-25% विनिवेश की सीमा तक पहुंच जाएंगे
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