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हेडली ने किया खुलासा, मुंबई हमले में ISI ने निभाई अहम भूमिका

मुंबई की एक विशेष अदालत में डेविड कोलमैन हेडली की गवाही से जुड़े लेटेस्ट अपडेट्स.

द क्विंट
भारत
Updated:
मुंबई की एक विशेष अदालत में डेविड कोलमेन हेडली की गवाही का दूसरा दिन शुरू होे चुका है (फोटो: द क्विंट)
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मुंबई की एक विशेष अदालत में डेविड कोलमेन हेडली की गवाही का दूसरा दिन शुरू होे चुका है (फोटो: द क्विंट)
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GPS डिवाइस से हुआ सर्विलांस

हेडली ने कहा कि अबु खफा और साजिद मीर ने हेडली को एक जीपीएस डिवाइस दी ताकि वह उन लोकेशंस को स्टोर कर सके जहां पर वह सर्विलांस कर रहा था.

हेडली ने इस डिवाइस पर अरब सागर की भी कई लोकेशंस को स्टोर किया. सर्विलांस की प्रक्रिया खत्म होने के बाद लोकेशंस से जुड़ा डाटा और डिवाइस साजिद मीर को दी गई.

हेडली ने वीडियो फुटेज रिकॉर्ड करने के लिए सॉनी इरिक्सन का फोन इस्तेमाल किया.

ISI मेजर के संपर्क में रहा

डेविड हेडली ने बताया है कि लश्कर के ऑपरेटिव साजिद मीर ने ताज होटल के दूसरे फ्लोर की रेकी करने को कहा. उसने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में वह (हेडली) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में रहा.

होटल ताज पर हमले की उम्मीद नहीं थी

हेडली ने कहा कि उसने नवंबर, 2007 से पहले भी होटल ताज की तस्वीरें और वीडियो शूट किया था. लेकिन उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि होटल ताज को निशाना बनाया जाएगा.

PoK में कार्यरत हैं बड़े आतंकी संगठन

डेविड हेडली ने कोर्ट के सामने एक नया खुलासा करते हुए बताया है कि लश्कर-ए-तैय्यबा ने मुंबई पर आतंकी हमला करने का फैसला 2007 में लिया था.

साल 2007 के नवंबर से दिसंबर महीने में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक मीटिंग हुई जिसमें साजिद मीर, अबु खफा और मैं शामिल हुआ. इस मीटिंग में मुझे ताज होटल की रेकी करने का काम दिया गया. मीटिंग के दौरान लश्कर-ए-तैय्यबा के पास होटल ताज मेें एक भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की मीटिंग होने की जानकारी थी. LeT इस मीटिंग पर हमला करना चाहता था. 
<b>कोर्ट के सामने डेविड हेडली का खुलासा</b>

हेडली ने अल-कायदा से परिचित होने की बात के साथ ही इसे आतंकी संगठन कहा. उसने ये भी बताया है कि जकी-उर-रहमान लखवी लश्कर-ए-तैय्यबा का ऑपरेशनल कमांडर है.


(फोटोः द क्विंट)

हेडली ने बताया कि युनाइटेड जिहाद काउंसिल पाक अधिकृत कश्मीर में कार्यरत है. इसके साथ ही उसने ये भी बताया कि ये सभी आतंकी संगठन भारत-विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं.

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LeT पर बैन को कानूनी चुनौती देने को कहा

डेविड हेडली ने अपनी गवाही में कहा है कि उसने लश्कर-ए-तैय्यबा के प्रमुख हाफिज सईद को सलाह दी कि वह लश्कर-ए-तैय्यबा पर अमेरिकी बैन को कानूनी आधार पर चुनौती दे.

इसके साथ ही उसने खुलासा किया है कि लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन एक युनाइटेड जिहाद काउंसिल के अंतर्गत काम करते हैं.

मेजर पाशा ही है अब्दुल रहमान

हेडली ने कोर्ट के सामने गवाही देते हुए अहम खुलासा किया है. हेडली के अनुसार मेजर पाशा लश्कर-ए-तैय्यबा से जुड़े हुए थे. इसके बाद मेजर पाशा ने अल-कायदा ज्वॉइन कर लिया.

हेडली ने बताया कि आईएसआई ने उसे इंडियन आर्मी में घुसपैंठ करने, खुफिया जानकारी इकठ्ठी करने और जासूसों को रिक्रूट करने के लिए कहा.

(फोटो साभार: Interpol स्क्रीनग्रैब)

मेजर पाशा उर्फ अब्दुल रहमान पाकिस्तानी आर्मी के रिटायर्ड आर्मी जनरल हैं. मेजर पाशा लश्कर-ए-तैय्यबा के आतंकियों को हथियारों को ट्रेनिंग देते थे.

आखिर कौन है डेविड कोलमेन हेडली

  • डेविड हेडली का असली नाम दाउद सईद गिलानी है.
  • हेडली का जन्म 30 जून, 1960 को पाकिस्तानी पिता और अमेरिकन मां से हुआ.
  • 17 साल की उम्र तक एक धर्मनिष्ठ मुस्लिम के रूप में पाकिस्तान में बड़े होने के बाद हेडली अमेरिका चला गया.
  • साल 1998 में हेडली को पाकिस्तान से अमेरिका में हेराइन तस्करी करने के आरोप में अपराधी पाया गया.
  • जेल में 2 साल से कम का वक्त बिताने के बाद हेडली अमेरिका का अंडर-कवर एजेंट बनकर पाकिस्तान पहुंचा.
  • साल 2006 में उसने अपना नाम बदलकर डेविड हेडली कर लिया और लश्कर उग्रवादियों और आईएसआई अधिकारियों के संपर्क में आया.
  • हेडली ने जून 2006 में भारत में अपने दोस्त तहाव्वुर हुसैन राना के इमिग्रेशन बिजनेस का ऑफिस खोला.
  • हेडली सितंबर 2006 से सितंबर 2007 के बीच 8 बार भारत आया.
  • 26/11 हमले की प्लानिंग के लिए हेडली 7 बार भारत आया.
  • साल 2009 में मुहम्मद साहब का कार्टून छापने वाले दानिश अखबार के दफ्तर पर आतंकी हमले करने की प्लानिंग करने के लिए हेडली कोपेनहेगन भी पहुंचा.
  • अक्टूबर 2009 को हेडली को शिकागो इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया.
  • हेडली ने मृत्यु दंड से बचने के लिए 12 बार अमेरिकी कोर्ट में मुंबई हमलों की साजिश के लिए क्षमा मांगी और जांच में सहयोग करने की पेशकश की.
  • 3 से 9 जून, 2010 के बीच एनआईए की चार सदस्यीय टीम ने हेडली से पूछताछ की.
  • साल 2013 में अमेरिकी कोर्ट ने हेडली को मुंबई हमले की साजिश रचने के लिए 35 साल की सजा सुनाई.
  • साल 2015 में मुंबई कोर्ट ने हेडली के सरकारी गवाह बनने पर उसे सशर्त माफी दी.
  • हेडली ने कोर्ट के सामने 26/11 हमले से जुड़ी हर जानकारी देने की बात स्वीकार की.
  • हेडली कोर्ट से भारत प्रत्यर्पित न किए जाने की शर्त मनवाने में कामयाब रहा.


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Published: 09 Feb 2016,07:41 AM IST

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