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डेविड हेडली ने ये स्वीकार किया है कि कुछ साल पहले लश्कर-ए-तैयबा दिल्ली के नेशनल डिफेंस कॉलेज पर हमला करना चाहता था.
हेडली के दावे के अनुसार इलियास कश्मीरी ने उससे कहा कि नेशनल डिफेंस कॉलेज एक बड़ा और महत्वपूर्ण टारगेट है, क्योंकि वहां कई वरिष्ठ आर्मी ऑफिसर रहते हैं.
अब्दुर रहमान पाशा ने कहा कि अगर हम नेशनल डिफेंस कॉलेज पर हमला करते हैं तो किसी भी भारत-पाक युद्घ से ज्यादा आर्मी ब्रिगेडियर्स और जनरलों की मौत होती है. मैंने एनडीसी तक गया तो लेकिन मैंने कोई वीडियो नहीं बनाया.
हेडली ने अपनी गवाही में स्वीकार किया है कि वह अलकायदा के लिए काम करता था. लेकिन उसने ये बात लश्कर से छुपाकर रखी क्योंकि लश्कर को लग सकता था कि हेडली को भारत में गिरफ्तार किया जा सकता है.
हेडली ने कसाब की फांसी पर कहा कि मुंबई हमले के बाद कसाब के पकड़े जाने से साजिद मीर समेत पूरा लश्कर-ए-तैयबा काफी दुखी था.
जब हेडली को कसाब की फोटो दिखाई गई गया तो हेडली ने कहा ‘रहमतुल्लाह अली’.
हेडली ने कोर्ट को बताया कि लश्कर एजेंट साजिद मीर ने शिवसेना हेडक्वार्टर और बाला साहेब ठाकरे पर आक्रमण करने की योजना बनाई थी. इसी योजना के चलते हेडली ने उद्धव ठाकरे के पीआरओ राजाराम रेगे से दोस्ती की ताकि शिवसेना भवन में प्रवेश कर सके.
राहुल भट्ट के साथ दोस्ती पर हेडली ने कहा कि राहुल भट्ट से उसे विलास नामक व्यक्ति ने मिलवाया था.
हेडली ने जुलाई, 2008 को मुंबई के नरीमन हाउस परिसर का वीडियो बनाया क्योंकि साजिद मीर और अब्दुर रहमान पाशा के आदेशानुसार इस परिसर में यहूदी समाज के लोग रहते थे.
हेडली ने लश्कर को सिद्धिविनायक मंदिर और नेवल एयरबेस पर हमला नहीं करने की सलाह दी क्योंकि इन दोनों जगहों पर भारी सुरक्षाबल मौजूद था.
हेेडली ने ये भी कहा कि उसने मेजर इकबाल और साजिद मीर के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र का वीडियो भी बनाया.
हेडली ने बताया कि उसे जकीउर रहमान लखवी ने बताया कि 26/11 हमला बेहद जरूरी था, क्योंकि पाकिस्तान में होने वाले बम धमाकों का जवाब देना जरूरी है.
इसके बाद हेडली ने कहा कि वह 1 जून से 30 जून 2008 तक पाकिस्तान में रहा. इस दौरान वह साजिद मीर, अबु खफा, अब्दुर रहमान पाशा, जकीउर रहमान लखवी और मेजर इकबाल से मिला.
हेडली ने कहा कि उसने मुंबई के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल सिद्धिविनायक मंदिर की भी रेकी की. इसके साथ ही उसने आतंकियों के लिए कलाई पर बांधा जाने वाला कलावा भी भेजा जिससे आतंकी हमले के वक्त आसानी से भीड़ में शामिल हो जाएं.
साजिद मीर को ये योजना काफी पसंद आई.
हेडली ने अपनी गवाही में बताया है कि आतंकियों को मुंबई में प्रवेश करने के लिए स्थान का चुनाव भी उसी ने किया. इसके लिए गेटवे ऑफ इंडिया और वर्ली की यात्रा की. इसके बाद साजिद मीर और अबु खफा से मिलने के बाद कफ परेड इलाके को चुना गया.
हेडली ने बताया कि उसने संभावित लैंडिंग साइट्स के वीडियो भी मेजर इकबाल और साजिद मीर को दिखाए. उसने बताया कि मेजर इकबाल के अनुसार मुंबई एयरपोर्ट भी एक अच्छी लोकेशन हो सकती थी.
हेडली के अनुसार उसने 2008 में न्यू यॉर्क और फिलेडेल्फिया की यात्रा की. इसी दौरान हेडली ने तहाव्वुर राना से मुंबई में प्रवेश करने के लिए उपयुक्त स्थानों के बारे में बात की.
हेडली ने मुंबई की एक विशेष अदालत के सामने 5वें दिन गवाही देना शुरू कर दिया है.
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