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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) के पहले फेज (1st Phase) का चुनाव पूरा हो गया. इस फेज में देश भर के राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर चुनाव कराया गया. इसमें 73 सामान्य सीटें, 11 एससी सीटें और 18 एससी सीटें हैं.
इस आर्टिकल में 2024 में राजस्थान और मध्यप्रदेश में वोट प्रतिशत और पिछले दो चुनावों में यहां वोट प्रतिशत में क्या ट्रेंड दिखे, उसपर नजर डालेंगे.
पहले फेज में राजस्थान की कुल 25 सीटों में से 12 पर मतदान हुए. इन सीटों पर करीब 2.54 करोड़ वोटर्स हैं. इनमें जयपुर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, दौसा, बीकानेर, सीकर, गंगानगर, झुंझनू, नागौर, करौली-धौलपुर और चुरू लोकसभा सीटों पर वोट डाले गए.
दूसरे चरण में 13 लोकसभा सीटें टोंक, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ में मतदान होगा.
चुनाव आयोग के मुताबिक, राजस्थान में पहले चरण के चुनाव में 57.26 प्रतिशत वोट पड़े.
राजस्थान में पहले फेज में सुबह 9 बजे तक 11 प्रतिशत वोट पड़े. लेकिन 11 बजे तक ये आंकड़ा बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया था.
1 बजे- 34 प्रतिशत
3 बजे- 42 प्रतिशत
5 बजे- 50 प्रतिशत
वहीं साल 2014 में राजस्थान में 63.1 प्रतिशत वोट पड़े थे. तब इन 12 संसदीय क्षेत्र में 61.7 प्रतिशत वोट पड़े थे.
2014- 61.7 प्रतिशत
2019- 63.7 प्रतिशत
भारतीय जनता पार्टी ने 2014 में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर जीत हासिल की थी और 2019 में एनडीए ने 25 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी के खाते में 24 सीटें और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने एक सीट जीती थी.
2019 लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कुल 3 करोड़ 24 लाख 41 हजार और 64 मतदाताओं ने वोट डाला था. इसमें बीजेपी को 1 करोड़ 89 लाख 68 हजार 392 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 1 करोड़ 11 लाख 7 हजार 910 वोट मिले थे. 2019 लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच 24.23 प्रतिशत वोट शेयर का अंतर था.
राजस्थान की 12 सीटों पर चुनाव के दौरान कुछ जगहों पर लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. जबकि चूरू लोकसभा क्षेत्र के सादुलपुर में फर्जी मतदान की शिकायत की वजह से पोलिंग एजेंट का सिर फोड़ने की घटना सामने आई. वहीं नागौर लोकसभा क्षेत्र में हनुमान बेनीवाल समर्थक और बीजेपी के समर्थक आपस में भिड़ गए.
राजस्थान में लोकसभा चुनाव में कई दिग्गजों का भविष्य इस चुनाव पर टिका है. इसमें अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी शामिल हैं. वैभव गहलोत 2019 लोकसभा चुनाव हार चुके हैं. इस बार उन्होंने सीट बदल ली है. वैभव इस जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.
राहुल कस्वां बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं. इस बार उनके लिए चुनाव साख बचाने और राजनीतिक प्रतिशोध का सवाल है.
अलवर लोकसभा से बीजेपी से भूपेंद्र यादव और कांग्रेस के ललित यादव चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं. वहीं बीकानेर से बीजेपी से अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस से गोविंद राम मेघवाल और बीएसपी से खेत राम मेघवाल एक-दूसरे के आमने सामने हैं.
मध्य प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर पहले फेज में मतदान करा लिए गए. शहडोल, मंडला (दोनों अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित), जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सीधी सीटों पर मतदाताओं ने वोट डाले.
चुनाव आयोग के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पहले फेज के चुनाव में 67.08 प्रतिशत वोट पड़े. ये आंकड़ा 2019 की लोकसभा चुनाव से कम है.
मध्य प्रदेश में पहले फेज में सुबह 9 बजे तक 14 प्रतिशत वोट पड़े. लेकिन 11 बजे तक ये आंकड़ा बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया था.
1 बजे- 44 प्रतिशत
3- बजे- 53 प्रतिशत
5 बजे- 63 प्रतिशत
पहले चरण में जिन 6 लोकसभा सीटें पर वोट डाले गए उनके अंतर्गत 13 जिले और 27 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. छह लोकसभा सीटों पर रजिस्टर्ड वोटर्स की कुल संख्या 1 करोड़ 13 लाख 9 हजार 636 है. इसमें 57 लाख पुरुष और 55 लाख महिलाएं हैं.
छिंदवाड़ा की सीट कांग्रेस नेता कमलनाथ की पारंपरिक सीट मानी जाती है. इस बार इस सीट से उनके बेटे नकुलनाथ चुनाव मैदान में है. बीजेपी के उम्मीदवार विवेक 'बंटी' साहू इस सीट पर नकुलनाथ के खिलाफ चुनावी ताल ठोंक रहे हैं.
कमलनाथ ने कहा है कि उन्हें छिंदवाड़ा की जनता पर पूरा भरोसा है. पिछली बार ये सीट कांग्रेस ने जीती थी. पूरे राज्य में कांग्रेस एकमात्र सीट जीत सकी थी, बाकि 28 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी.
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