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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मुरादाबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी कुंवर सर्वेश सिंह (Kunwar Sarvesh Singh) का शुक्रवार, 20 अप्रैल को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली. बता दें कि मुरादाबाद सीट पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत ही गुरुवार, 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. इस सीट पर 62.18 फीसदी मतदान दर्ज हुआ है.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि BJP प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? क्या चुनाव रद्द होगा या फिर उपचुनाव होगा? काउंटिंग में मृतक उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलने पर क्या होगा? चलिए बताते हैं कि किसी प्रत्याशी के निधन के बाद चुनाव करवाने को लेकर क्या नियम हैं?
ऐसे मामलों में सीधे चुनाव रद्द नहीं किया जाता है. नियमों के मुताबिक, पहले काउंटिंग का इंतजार किया जाता है.
अगर काउंटिंग में मृतक प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिलते हैं और वो चुनाव जीत जाता है तो इसके बाद नियमों के मुताबिक, इलेक्शन कमीशन चुनाव को रद्द कर देता है. और फिर उस सीट पर उपचुनाव करवाया जाता है. वहीं अगर मृतक उम्मीदवार की हार हो जाती है तो चुनाव रद्द नहीं किया जाता. जिस उम्मीदवार को चुनाव में जीत मिलती है उसे ही विजेता मान लिया जाता है.
नियमों के मुताबिक, अगर वोटिंग से पहले और नामांकन की जांच के बाद किसी उम्मीदवार की मौत हो जाती है तो चुनाव रद्द हो जाता है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 52 के मुताबिक, अगर किसी मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार की वोटिंग से पहले मौत होती है तो निर्वाचन अधिकारी उस सीट पर वोटिंग रद्द कर देता है. इसके बाद चुनाव के लिए नई तारीख का तय की जाती है और उस तारीख पर वोटिंग होती है.
अगर मतदान से पहले किसी निर्दलीय उम्मीदवार या गैर-मान्यात प्राप्त पार्टी के उम्मीदवार की मौत होती है तो चुनाव रद्द नहीं किया जाता है.
वहीं अगर वोटिंग के बाद निर्दलीय प्रत्याशी की मौत होती है और वो चुनाव जीत जाता है तो ऐसी परिस्थिति में चुनाव रद्द कर दिया जाता है और फिर से चुनाव करवाया जाता है.
अगर नामांकन से पहले ही किसी उम्मीदवार की मौत हो जाए तो ऐसे में राजनीतिक दल उस सीट से किसी दूसरे उम्मीदवार को खड़ा कर सकते हैं.
उदाहरण के तौर पर, समाजवादी पार्टी ने 30 जनवरी को संभल लोकसभा सीट से शफीकुर्रहमान बर्क को टिकट देने का ऐलान किया था. हालांकि, नामांकन से पहले ही 27 फरवरी को उनका 94 साल की उम्र में निधन हो गया. इसके बाद पार्टी ने संभल सीट पर उनके पोते जियाउर्रहमान बर्क को टिकट दे दिया.
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