Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019नेताओं की बदजुबानी पर बोले पूर्व CEC, ‘कोई दल सुधार नहीं चाहता’

नेताओं की बदजुबानी पर बोले पूर्व CEC, ‘कोई दल सुधार नहीं चाहता’

लोकसभा चुनाव में नेताओं और पार्टियों के रवैये पर छलका Ex-CEC का दर्द

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
लोकसभा चुनाव में नेताओं और पार्टियों के रवैये पर छलका Ex-CEC का दर्द
i
लोकसभा चुनाव में नेताओं और पार्टियों के रवैये पर छलका Ex-CEC का दर्द
(फोटो: Social Media)

advertisement

देश में इस समय लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. चुनाव है तो नेताओं की बयानबाजी और तेज हो गई है, जिसके चलते नेता कई बार बदजुबानी और गलतबयानी कर जाते हैं. ऐसे में पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ती ने अपना दुख जताते हुए कहा कि सभी दल बदलाव नहीं लाना चाहते बल्कि मौजूदा स्थिति से सब ‘खुश’ हैं.

मौजूदा चुनाव प्रचारों को देखते हुए कृष्णमूर्ति ने कहा कि जो नेता आपस में निजी हमले करते हैं उनसे बचा जा सकता है.

साल 2004 के आम चुनावों को करवाने वाले पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति मौजूदा चुनाव को लेकर कहते हैं, ‘‘ऐसा लग रहा है कि कोई पार्टी आदर्श आचार संहिता का सम्मान नहीं करना चाहती.’’

पार्टियां क्यों नहीं चाहती चुनावों में सुधार?

किसी भी पार्टी के चुनावी सुधार न चाहन के पीछे की वजह कृष्णमूर्ति ने बताई है. उनका कहना है कि ‘‘जब तक कि कानून के लिए सम्मान नहीं होगा हमारे सामने ऐसी दिक्कतें आती रहेंगी और मुझे लगता है कि चुनावी सुधार की जरूरत अब पहले से ज्यादा है. अगर राजनीतिक दल चुनावी सुधार को लेकर गंभीर हैं तो वो अपने घोषणापत्रों में इस बात को शामिल करते. लेकिन सभी दल मौजूदा हालात से खुश हैं.’’

कृष्णमूर्ति ने कहा, चुनावी सुधार के लिए लॉ कमीशन, चुनाव आयोग, गोस्वामी और इंदरजीत गुप्ता कमेटी ने सिफारिश की थी. देश के लंबे समय तक की अच्छाई के लिए सभी पार्टियों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए था.

राजनीतिक पार्टियों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि चुनावी सुधार, फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट सिस्टम, अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकना और पार्टियों के लिए अलग कानून ये सभी जरूरी मुद्दे हैं जिनपर सबको काम करना चाहिए.

(इनपुट PTI)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT