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लोकसभा स्पीकर ने ब्राह्मणों को ‘ऊंचा’ बताया तो लोगों को गुस्सा आया

लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि उनके संवैधानिक पद पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं

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 लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि उनके संवैधानिक पद पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं
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लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि उनके संवैधानिक पद पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं
(फाइल फोटो: PTI) 

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लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला के एक ट्वीट सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है. बिड़ला ने ब्राह्मणों के बारे में लिखा है कि उनका समाज में हमेशा से उच्च स्थान रहा है. इस बात को लेकर उनकी लगातार आलोचना हो रही है. लोगों की नाराजगी इस कदर बढ़ गई है कि उनके संवैधानिक पद पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

दरअसल दो दिन पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने ब्राह्मणसभा के एक कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें शेयर कीं. इन तस्वीरों के साथ उन्होंने लिखा,

“समाज में ब्राह्मणों का हमेशा से उच्च स्थान रहा है. यह स्थान उनकी त्याग, तपस्या का परिणाम है. यही वजह है कि ब्राह्मण समाज हमेशा से मार्गदर्शक की भूमिका में रहा है.”
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ब्राह्मणों को लेकर किए गए उनके इस ट्वीट पर कमेंट्स की बारिश हो गई. ये ट्वीट जैसे-जैसे वायरल होता गया लोग अपना गुस्सा जाहिर करते रहे. ब्राह्मण समाज को समाज का मार्गदर्शक बताने पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि नाथूराम गोडसे भी ब्राह्मण ही था.

वहीं एक ट्विटर यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि आज ब्राह्मणों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. संविधान में कोई अछूत है तो वो ब्राह्मण ही है.

जानिए कौन हैं ओम बिड़ला

17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बनने वाले बिड़ला दो बार सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा बिड़ला सांसद बनने से पहले साउथ कोटा सीट से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को अध्यक्ष पद का चुनाव होने से ठीक एक दिन पहले ही बिड़ला के नाम पर मुहर लगाई गई. बिड़ला को पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जाने वाले कामों के लिए भी जाना जाता है. ग्रीन कोटा मिशन के तहत उनके काम की काफी सराहना भी हुई थी.

ओम बिड़ला को पहली बार साल 2014 में मोदी लहर के दौरान सांसद बनने का मौका मिला था. जिसके बाद 2019 में वो एक बार फिर सांसद चुने गए. बिड़ला की इमेज काफी साफ सुथरी है. इसीलिए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी की टॉप लीडरशिप तक उनकी पहुंच मानी जाती है.

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