advertisement
एक अक्टूबर (1st October 2022) से देश में कई अहम बदलाव हुए. इससे आपकी जेब पर भी असर पड़ने जा रहा है. एक अक्टूबर से आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करने वाले करदाता अटल पेंशन योजना (Atal Pension Scheme) का लाभ नहीं उठा पाएंगे. इसके साथ ही म्यूचुअल फंड में निवेश के दिशा-निर्देश भी बदल गए है और टोकन का इस्तेमाल कार्ड के बजाय ऑनलाइन खरीदारी के लिए किया जाएगा. ऐसे ही पांच अहम बदलाव हम आपको बताने जा रहें हैं.
कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों के कमजोर होने से इस बार घरेलू और व्यावसायिक गैस सिलेंडर दोनों की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है.
भले ही एलपीजी की कीमत कम हो लेकिन इस हफ्ते की समीक्षा के बाद सीएनजी की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच सकती हैं. एक अक्टूबर को सरकार को गैस की कीमत अपडेट करनी है. राज्य के स्वामित्व वाले तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के पुराने क्षेत्रों से उत्पन्न गैस के लिए भुगतान की जाने वाली कीमत 6.1 डॉलर से बढ़कर 9 डॉलर प्रति यूनिट (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) हो सकती है. हर छह महीने में सरकार गैस की कीमत (1 अप्रैल और 1 अक्टूबर) तय करती है.
अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे देशों के लिए पिछले वर्ष की दरों के आधार पर, यह कीमत तिमाही आधार पर निर्धारित की जाती है. इसके हिसाब से ही कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है.
आरबीआई ने निर्देश दिया है कि कार्ड से भुगतान के लिए टोकन प्रणाली 1 अक्टूबर से शुरू की जाए. यह लागू होने के बाद ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड की जानकारी व्यापारियों, भुगतान एग्रीगेटर्स या भुगतान गेटवे द्वारा स्टोर नहीं की जा सकती है. इसका मकसद इंटरनेट बैंकिंग में धोखाधड़ी को रोकना है.
एक अक्टूबर से जिन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल किया है, वे अटल पेंशन योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. यानी जिनकी आय 2.50 लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें अटल पेंशन योजना में नामांकन की अनुमति नहीं होगी.
18 से 40 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक इस सरकारी पेंशन योजना के लिए मौजूदा नियमों के तहत आवेदन कर सकता है, भले ही वह आयकर का भुगतान करता हो या नहीं. इस कार्यक्रम के तहत 5,000 रुपये मासिक पेंशन की पेशकश की जाती है.
एक अक्टूबर से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी के नए नियमों का पालन करते हुए नॉमिनेशन की जानकारी देना जरूरी होगा. जो निवेशक इसका पालन करने में विफल रहते हैं, उन्हें यह बताते हुए एक घोषणा पत्र भरना होगा कि वे नामांकन सुविधा का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)