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Qलखनऊः राम मंदिर पर शिवपाल ने BJP को घेरा, आंगनवाड़ी में घोटाला

पढ़िए उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें Q लखनऊ में

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राम मंदिर बन गया तो BJP का तो मुद्दा ही खत्म हो जाएगाः शिवपाल यादव

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी को घेरा. शिवपाल ने कहा कि अगर राम मंदिर बन गया तो बीजेपी के पास तो मुद्दा ही खत्म हो जाएगा. शिवपाल ने कहा कि वह राम मंदिर के विरोध में नहीं हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि राम मंदिर विवादित जमीन पर न बनाकर आम सहमति से किसी दूसरे स्थान पर बनाया जाए. शिवपाल पर बीजेपी की बी टीम होने के आरोप लगते रहे हैं, इन आरोपों पर शिवपाल ने कहा कि वह बीजेपी के एजेंट नहीं, बल्कि धुर विरोधी हैं.

25 नवंबर को अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद और शिवसेना के आयोजन को लेकर शिवपाल ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि वहां पर कोई हालात ना बिगड़ें. उन्होंने कहा कि सरकार को कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. अगर स्थान पर विवाद है तो मंदिर आपसी सहमति से किसी दूसरे स्थान पर भी बन सकता है.

TET परीक्षा में नकल करा रहे 35 सॉल्वर अरेस्ट

उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) में धांधली के मामले में कुल 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लोगों ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि वे परीक्षा पास कराने के लिए हर अभ्यर्थी से 10 लाख रुपये वसूलते थे. उधर, वाराणसी में एसटीएफ ने अभ्यर्थियों को एक लाख रुपए में फर्जी प्रश्न पत्र बेचने के आरोप में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है.

यूपी पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि पूरे प्रदेश में टीईटी परीक्षा में धांधली के आरोप में कुल 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए 9 लोग भी शामिल हैं. टीईटी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप में हरदोई में 7, प्रयागराज में 6, बुलंदशहर में 3, फिरोजाबाद में 2 और जौनपुर, वाराणसी, श्रावस्ती, कौशांबी, जालौन, अलीगढ़ , भदोही और महाराजगंज में भी 1-1 व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.

आंगनवाड़ियों में 14 लाख ‘फर्जी बच्चे' पंजीकृत: मंत्रालय

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 1.88 लाख आंगनवाड़ियों में 14 लाख से ज्यादा ‘‘फर्जी बच्चे'' दर्ज पाए गए हैं. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण परिषद की एक बैठक में गुरुवार को मंत्रालय को बताया गया कि प्रदेश में चल रही 1.88 लाख आंगनवाड़ियों में करीब 14.57 लाख फर्जी लाभार्थी दर्ज थे.

एक प्रकार के ग्रामीण बाल देखभाल केंद्र, आंगनवाड़ी की स्थापना सरकार द्वारा छह साल तक की उम्र के अल्प पोषित और सही से विकास नहीं कर पा रहे बच्चों की सहायता के लिये किया गया था. अधिकारी ने कहा, ‘‘फर्जी बच्चों की पहचान आधार के साथ लाभार्थियों के पंजीकरण के बाद हुई.''

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी में कुल 1.08 करोड़ बच्चे पंजीकृत हैं और इस वित्त वर्ष में इन केंद्रों के लिये फरवरी 2018 तक कुल 2,126 करोड़ रूपये जारी किये गए. अधिकारी ने कहा कि हर बच्चे के खाने के लिये प्रतिदिन मंत्रालय की तरफ से 4.8 रुपये दिये जाते हैं जबकि इस मद में राज्य का योगदान 3.2 रुपये होता है. उन्होंने कहा, ‘‘फर्जी बच्चों की पहचान के साथ ही यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश में प्रति महीने 25 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं.''

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राजभर बोलेः इलाहाबाद हमारे खून में है, प्रयागराज नहीं

योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने जिलों के नाम बदलने को लेकर अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया है. राजभर ने कहा, ‘इलाहाबाद तो हमारे खून में हैं, प्रयागराज नहीं. हम तो इलाहाबाद ही बोलते हैं. सरकार के नाम बदलने से क्या होगा?’

पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सरकार पर कुंभ के जरिए अपनी ब्रांडिंग करने का भी आरोप लगाया. राजभर ने कहा कि सरकार कुंभ के आयोजन पर हजारों करोड़ रुपये का खर्च कर रही है लेकिन दिव्यांगजनों के लिए उसके पास फंड नहीं है.

अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे के सवाल पर राजभर ने कहा कि मंत्री पद ग्रहण करते वक्त उन्होंने राज्यपाल के सामने शपथ ली थी कि देश के संविधान के लिए काम करेंगे. मामला फिलहाल न्यायालय में है. ऐसे में वह न्यायालय के फैसले के साथ ही जाएंगे.

सहकारी बैंकों का विलय कर एक बैंक बनाने की तैयारी में प्रदेश सरकार

योगी सरकार सरकारी नियंत्रण में अलग-अलग नामों से संचालित सहकारी बैंकों के विलय पर विचार कर रही है. सहकारिता विभाग के नियंत्रण में केवल एक ही बैंक रखने का प्रस्ताव है. इस बारे में नीति बनाने के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर विकास श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है.

सहकारिता विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह कमेटी बैंकों केविलय की विस्तृत समीक्षा कर खूबियों, कमजोरियों, अवसरों और चुनौतियों को सामने लाएगी. मानव संसाधन क्षेत्र में नीतियां, संस्थाओं और सहकारी बैंकों में तकनीकी विकास के वर्तमान स्तर की समीक्षा करते हुए तकनीकी व्यवस्था, पैक्स समितियों के व्यवसाय और प्रस्तावित बैंक के स्वरूप के संबंध में विस्तृत अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी. आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता कमेटी की रिपोर्ट का परीक्षण कर शासन को अपनी संस्तुतियां उपलब्ध कराएंगे. शासन कैबिनेट के जरिये इस पर अंतिम निर्णय करेगा.

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