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यूपी की राजधानी लखनऊ कोरोना वायरस की गिरफ्त में हैं. 7 अप्रैल को यहां 1,333 नए कोरोना वायरस के मामले आए हैं. वहीं पूरे यूपी में आज ये संख्या कल से बढ़कर 6023 कोरोना वायरस के मामलों की रही. हर रोज इन आंकड़ों में इजाफा हो रहा है और गौर करने वाली बात ये है कि लखनऊ के हेल्थ सिस्टम पर इस कोरोना वायरस की तगड़ी मार पड़ी है. 6 अप्रैल को लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जनरल (रिटायर्ड) विपिन पुरी समेत 40 डॉक्टरों का कोरोनावायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है.
इससे पहले यूपी के डीजी हेल्थ डॉक्टर डीएस नेगी, पीजीआई लखनई के डायरेक्टर डॉ आरके धीमन के कोरोना वायरस संक्रमित होने की खबर आई थी. धीमन ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली थी. केजीएमयू में भी जो 40 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे वो भी दोनों डोज ले चुके हैं. किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता का कहना है कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अलग-अलग डिपार्टमेंट में स्क्रीनिंग शुरू की है, जिसमें ये डॉक्टर पॉजिटिव निकले हैं. ये स्क्रीनिंग चलती रहेगी.
यूं तो देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना वायरस एक बार फिर तेजी से पैर फंसा रहा है लेकिन लखनऊ की बात करें तो केजीएमयू में कोविड संक्रमण के इस दौर में काम कर चुके एक जूनियर डॉक्टर कहते हैं कि बड़े पैमाने पर कोविड, नॉन कोविड मरीजों का हॉस्पिटल में आना भी एक संक्रमण की वजह है. कुछ दिन पहले तक जो पेशेंट आ रहे थे वो बिना आरटीपीसीआर टेस्ट के भी आ रहे थे. वो कहते हैं कि अब एक के बाद एक यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिव होने से अस्पताल के कामकाज पर असर होगा.
उनका कहना है कि डॉक्टरों की तरफ से हमेशा अपील रही है कि आम लोग, अस्पताल के अंदर या बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह का पालन करेंगे और मास्क जरूर पहनेंगे तो खुद की मदद तो कर पाएंगे ही साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स जो इस महामारी से जंग में सबसे आगे हैं उनकी भी मदद कर सकेंगे.
लखनऊ के ही एक और डॉक्टर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कुछ डॉक्टर भी ऐसे थे जिन्होंने कोरोना को थोड़ा कम गंभीरता से लिया और पेशेंट के साथ पेश आने में या सावधानी बरतने में हल्की लापरवाही दिखाई है. उनका कहना है कि इसके बावजूद एक बात संतोषजनक है कि लखनऊ में जो डॉक्टर खासकर वैक्सीनेशन के बाद कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे. वैक्सीन का एक ये भी काम है कि वो कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाले गंभीर खतरों से बचा सके.
अब लखनऊ में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना वायरस पॉजिटिव आने पर हैरत भी जताई जा रही है और उसकी खूब चर्चा भी है तो ऐसे में बता दें कि एक्सपर्ट कहते आ रहे हैं कि ऐसा नहीं है कि वैक्सीन की डोज लेने के बाद आप संक्रमित हो ही नहीं सकते. देश के प्रतिष्ठित वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहीद जमील कहते हैं कि वैक्सीन गंभीर बीमार और इससे होने वाली मौत से बचा सकती है लेकिन इसके बाद भी आप संक्रमित हो सकते हैं या दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं . शाहिद जमील आगे कहते हैं कि - कई स्टडीज में ये भी सामने आया है कि वैक्सीन का सिर्फ 1 डोज काफी सीमित सुरक्षा देता है.
वो कहते हैं कि लोगों तक तक 3 जरूरी बातें पहुंचनी चाहिए
1.वैक्सीन कोई जादू की छड़ी नहीं है, सिर्फ महामारी से लड़ने का एक हथियार है. जैसे मास्क लगाना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग भी हथियार हैं.
2.वैक्सीन सुरक्षित हैं और गंभीर बीमारी और मौत से बचाती है.
3.वैक्सीन लगाने के बाद भी आपके लिए मास्क लगाना और कोविड के अन्य प्रोटोकॉल्स का पालन करना जरूरी है.
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच लखनऊ में मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. नई मौतों में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रजेश शुक्ला, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित और पुलिस लाइंस के मुख्य फार्मासिस्ट आर.के. चौधरी शामिल हैं.
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