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लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रो. रविकांत ने एक डिबेट में काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में साधु संतों को लेकर विवादित प्रतिक्रिया दी. इससे नाराज एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया और प्रो. रविकांत की बर्खास्तगी पर अड़े हैं.
एबीवीपी कार्यकर्ता ने डॉ. रविकांत के खिलाफ कार्यवाई की मांग करते हुए विभाग का घेराव किया. इस दौरान शिक्षक विभाग से चले गए. इसके बाद प्रॉक्टर ऑफिस का घेराव किया और जय श्रीराम, हर-हर महादेव के नारे लगाए.
इस दौरान ABVP कार्यकर्ताओं की प्रॉक्टर और पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई. ABVP के कार्यकर्ता शिक्षक के मांफी मांगने पर अड़े हैं.
हालांकि, इस पूरे मामले पर डॉ. रविकांत ने सफाई दी है. लेकिन, छात्र बर्खास्तगी पर अड़े हुए हैं. साथ ही इस पर शिक्षकों ने भी नाराजगी जताई है.
ये पहला मौका नहीं जब किसी प्रोफेसर पर धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगा है. कुछ दिनों पहले ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में छात्रों को देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक पाठ पढ़ाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर जितेंद्र कुमार पर धार्मिक भावना को आहत पहुंचाने के आरोप लगे थे.
आरोप था कि प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र की ओर से रेप की हिस्ट्री और डेफिनेशन MBBS के छात्रों को पढ़ाई जा रही थी. इस दौरान हिंदू देवी देवताओं को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक बातें प्रोजेक्टर पर पढ़ाई गईं. प्रोजेक्टर की फोटो किसी प्रकार सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो हर तरफ हंगामा खड़ा हो गया था. उसके बाद जितेंद्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके साथ ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
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