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मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया है. कांग्रेस विधायक दल ने कमलनाथ को अपना मुख्यमंत्री चुना है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि, कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से सिर्फ दो सीट दूर रह गई है. लेकिन सरकार बनाने में कांग्रेस के सामने कोई मुश्किल आड़े नहीं आएगी, क्योंकि कांग्रेस के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर निर्वाचित चार विधायकों ने कांग्रेस में वापसी के संकेत दिए हैं.
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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता कमलनाथ को संविधान के अनुच्छेद 164 के अंतर्गत मुख्यमंत्री नियुक्त कर मंत्रिमंडल के गठन के लिये आमंत्रित किया है.
मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री कमलनाथ आज मध्य प्रदेश की राज्यपाल से सुबह साढ़े दस बजे मुलाकात करेंगे.
मुख्यमंत्री पद के लिए नाम का ऐलान होने के बाद कमलनाथ ने कहा, ‘मैं मध्य प्रदेश के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि हम अपने वायदे पूरे करेंगे, नई शुरुआत हो चुकी है.’
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के अध्यक्ष कमलनाथ को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुन लिया गया है. खास बात ये है कि मध्य प्रदेश में कोई उप-मुख्यमंत्री नहीं होगा. अब कल (शुक्रवार) को शपथग्रहण समारोह हो सकता है.
कमलनाथ और ज्योतिरादित्य भोपाल कांग्रेस ऑफिस पहुंच चुके हैं. कांग्रेस के सभी विधायक यहां पहले से ही मौजूद हैं. अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का जल्द ऐलान होने की संभावना है.
कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली से भोपाल पहुंच चुके हैं. अब दोनों विधायक दल की मीटिंग में शामिल होंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार देर रात तक मध्य प्रदेश कांग्रेस का विधायक दल अपने नए मुख्यमंत्री का चुनाव कर लेगा. कमलनाथ, ज्योतिरादित्य और दिग्विजय सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री का ऐलान करेंगे. इसके बाद अगले दिन शुक्रवार को शपथग्रहण समारोह हो सकता है.
राहुल गांधी के साथ कमलनाथ और ज्योतिरादित्य की मीटिंग खत्म हो गई है. अब दोनों भोपाल के लिए रवाना हो रहे हैं. कमलनाथ ने मीडिया से कहा, “राहुल के साथ हमारी मीटिंग खत्म हो गई है. अब हम सब भोपाल जा रहे हैं. विधायक दल ही मध्य प्रदेश के नए सीएम का चुनाव करेगा.”
ज्योतिरादित्य ने कहा, "ये कोई रेस नहीं और ये कुर्सी के लिए नहीं, हम यहां मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं, आज ही CM के नाम का ऐलान होगा"
भोपाल में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग का समय बदल गया है. अब मीटिंग का समय आठ बजे से बदलकर रात दस बजे का हो गया है. कमलनाथ अभी राहुल गांधी के घर पर ही मौजूद हैं.
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा जारी है. इसी के मद्देनजर अब कमलनाथ दिल्ली में राहुल गांधी से उनके घर मिलने पहुंचे हैं. वहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले से ही मौजूद हैं.
कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में अपने मुख्यमंत्री का चुनाव अभी तक नहीं पाई है. विधायक दल की मीटिंग करने का फैसला लिया गया है. रात आठ बजे भोपाल में सभी विधायकों की मीटिंग होगी. फिलहाल राहुल गांधी के घर भी मीटिंग जारी है, जहां सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य मौजूद हैं.
भोपाल में समर्थकों के हंगामे के चलते कमलनाथ के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है. स्थानीय सुरक्षा की टीम उनके घर पहुंच गई है.
एक ओर राहुल गांधी के घर मुख्यमंत्री के नाम को लेकर मीटिंग चल रही है, दूसरी ओर भोपाल में ज्योतिरादित्य और कमलनाथ के समर्थक अपने नेता को सीएम बनाने के लिए नारेबाजी कर रहे हैं. समर्थकों के हाथों में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य के पोस्टर हैं.
राहुल गांधी के घर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य मौजूद हैं.
ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने के लिए भोपाल में कांग्रेस ऑफिस के बाहर उनके समर्थक नारे बाजी कर रहे हैं
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, “मैं केंद्र की राजनीति में नहीं जाऊंगा. एमपी में ही रहूंगा और एमपी में ही मरूंगा.”
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जरूरी बहुमत नहीं मिलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने उनके घर पहुंची हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया भी राहुल के घर मौजूद हैं. मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला होना है.
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने दावा किया है कि चुनाव नतीजे सामने आने के बाद बीजेपी ने निर्दलीय निर्वाचित हुए विधायकों को प्रलोभन दिया था, जिसे निर्दलीय विधायकों ने स्वीकार नहीं किया. कमलनाथ ने दावा किया कि बीजेपी सोच रही थी कि बीएसपी और एसपी, कांग्रेस का समर्थन नहीं करेंगे.
कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती थी कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने.
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर पेच फंसा हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने निर्वाचित विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ रायशुमारी की है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी जल्द ही मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जबर्दस्त लॉबिंग के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पसंद बताने को कहा है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश मंच (ऐप) का इस्तेमाल करते हुए राहुल गांधी ने ऑडियो संदेश भेजा है और उनसे मुख्यमंत्री के चयन के लिए फीडबैक मांगा है.
बार-बार इस संबंध में जानने का प्रयास किये जाने के बावजूद पार्टी प्रवक्ताओं ने इस संदेश और उसके मजमून पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. सूत्रों का कहना है कि जिन राज्यों में चुनाव हुए, वहां अनेक पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश भेजा गया है. इन तीनों राज्यों में से प्रत्येक में मुख्मयंत्री पद के लिए एक से ज्यादा नाम सामने आने के कारण गांधी ने अपने संदेश में कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की पसंद सीधे उन तक पहुंचनी चाहिए और इसके बारे में किसी भी अन्य को पता नहीं चलना चाहिए. इस संबंध में पार्टी के एक वरिष्ठ विधायक ने भी शक्ति ऐप से ऐसा संदेश मिलने की पुष्टि की. यह ऐप कांग्रेस प्रमुख पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद करने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
भोपाल में कांग्रेस के 5 सदस्यों वाले डेलीगेशन ने गवर्नर आनंदीबेन पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. इस डेलीगेशन में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह शामिल थे.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग खत्म हो गई है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मीटिंग में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम पद के लिए कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव रखा है. आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेना है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेता पार्टी कार्यालय में जुटे हैं. कुछ ही देर में पार्टी ने नेता और सीएम की घोषणा हो सकती है. फिलहाल यहां मीटिंग चल रही है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया एके एंटनी को भोपाल एयरपोर्ट लेने पहुंचे. बता दें कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के लिए एंटनी को बतौर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. कुछ ही देर में कांग्रेस के विधायकों की बैठक शुरू होगी.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में हार के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे के बाद शिवराज की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है. पढ़िए क्या बोले मध्य प्रदेश में 15 साल सत्ता में रहे शिवराज.
शिवराज सिंह चौहान ने इस्तीफा देने के बाद पहला ट्वीट किया है. इस ट्वीट में शिवराज ने लिखा है, ‘मध्य प्रदेश के नागरिकों ने जो स्नेह दिया, उसके लिए ह्रदय से धन्यवाद. जो जनादेश मिला है, वो शिरोधार्य है. अब बतौर विपक्ष हम जनहित, गरीब कल्याण और विकास के मुद्दों पर सजग प्रहरी रहते हुए हर चुनौती का सामना करेंगे. प्रदेश का उज्जवल भविष्य हमारा संकल्प है.’
मध्य प्रदेश में भी मुख्यमंत्री पद के लिए रार शुरू हो गई है. बुधवार शाम चार बजे बुलाई गई विधायक दल की बैठक से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने गुट के विधायकों के साथ अलग से बैठक कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के निर्वाचित विधायक दो गुटों में बंटे गए हैं. इनमें एक गुट ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में है तो दूसरा कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहा है.
समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिये कांग्रेस पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिये कांग्रेस का समर्थन करती है.''
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली है.
कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए बुधवार को कहा कि यह बीजेपी की ‘नकारात्मक राजनीति' पर जीत मिली है.
सोनिया की यह प्रतिक्रिया उस वक्त आई है जब कांग्रेस इन तीनों हिंदी भाषी प्रदेशों में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने में सफल रही है.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि शिवराज सिंह को अब समझ लेना चाहिए कि जनता उनके वादों से परेशान थी. उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘माफ करिए शिवराज, अब है जनता का राज.’
कांग्रेस ने बीएसपी और एसपी का समर्थन मिलने के बाद राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार सुबह राजभवन पहुंचे थे.
राज्यपाल पटेल के साथ करीब 20-25 मिनट की मुलाकात के बाद बाहर निकलते हुए दोनों नेताओं ने ‘वी--विक्टरी' का निशान दिखाया.
कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी एक पत्र के अनुसार, कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखा है कि 28 नवंबर को हुए चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ निर्दलीय ने भी उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने लिखा है, ‘‘ऐसे में बहुमत हमारे साथ है. मैं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी को आमंत्रित करें.''
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को जीत की बधाई दी है. उन्होंने कहा, “अब मैं मुक्त हूं. मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल महोदया को सौंप दिया है. राज्य में बीजेपी की हार की पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूं.”
शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार की सुबह स्पष्ट किया था कि बीजेपी प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी और वह अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं. इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए दो नाम रेस में हैं. इनमें पहला नाम मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का है और दूसरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया का है.
हालांकि इस बार दोनों ही नेताओं ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है. लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद दोनों के कैंप में एक्शन बहुत तेज हो गया है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा आनंदीबेन पटेल को सौंप दिया है.
बीएसपी प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है. मायावती ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बीएसपी कांग्रेस को राजस्थान में भी सरकार बनाने के लिए समर्थन देगी.
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं. चुनाव के नतीजे आने के बाद दलवार स्थिति इस प्रकार है-