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मध्य प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 19 अप्रैल तक प्रदेश में कुल 1407 केस कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से करीब 900 और राजधानी भोपाल से करीब 200 पॉजिटिव केस आ चुके हैं. वहीं प्रदेश में अब तक कुल 72 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. 18 अप्रैल की रात को इंदौर के जूनी थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर देवेंद्र चंद्रवंशी की भी मौत हो गई.
इंदौर में अब तक कोरोना पॉजिटिव 890 आ चुके हैं और वहीं मौत का आंकड़ा अब 50 तक पहुंच गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को लेकर विवाद भी होता नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर अखबार ने एक रिपोर्ट की. जिसमें इंदौर के कोरोना प्रभावित इलाके के 4 कब्रिस्तान से मौत का आंकड़ा जुटाया गया. लेकिन इस खोज में पाया गया कि आम तौर पर होने वाली औसत मौतों से ये आंकड़ा कहीं ज्यादा था.
इस मामले में जब हमने इंदौर के CMHO प्रवीण जड़िया से बात की तो उन्होंने बताया कि जो ये मौतें हुई हैं इनके सिम्पटम्स को हमने ट्रैक करने की कोशिश की लेकिन जो सिम्पट्स पाए गए उससे ऐसा नहीं लगता है कि इन लोगों को कोरोना का संक्रमण रहा होगा.
इसके अलावा 19 अप्रैल को इंदौर के CMHO प्रवीण जड़िया ने बताया कि 17 अप्रैल तक जिले में कुल 892 मामले आए हैं. लेकिन थोड़ी ही देर बाद इस पर उनकी तरफ से सफाई आई. जो 892 केस रिपोर्ट हुए हैं उनमें से 11 लोग दूसरे जिले से हैं, इसलिए 17 अप्रैल तक जिले में कोरोना के 881 केस ही माने जाएं. अब कोरोना जो कि सबसे संवेदनशील मामला है उसे लेकर गिनती में ऐसी चूक होना कोई छोटी बात नहीं है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सबसे अहम विभाग है स्वास्थ्य विभाग. मध्य प्रदेश में खुद स्वास्थ्य महकमे में ही अब तक कोरोनावायरस के 50 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. सिर्फ भोपाल शहर में कुल संक्रमित करीब लोगों में से आधे स्वास्थ्य विभाग से ताल्लुक रखते हैं. इसलिए सवाल भी उठे कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य महकमे में इतनी बड़ी तादाद में अधिकारी और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित कैसे हो गए और अब तक सरकार ने इनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए क्या किया. जिन अधिकारियों को संक्रमण हुआ उनमें राज्य की प्रमुख स्वास्थ्य सचिव पल्लवी जैन गोविल और स्वास्थ्य निगम के एमडी जे विजय कुमार भी शामिल हैं.
13 अप्रैल को प्रदेश में शिक्षा विभाग के एक आईएएस अधिकारी को भी कोरोना वायरस का संक्रमण होने की पुष्टि हुई है. ये चिकित्सा शिक्षा विभाग में काम करने वाले 2013 बैच के आईएएस अफसर थे.
कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल इंदौर. यहां कोरोना वायरस महामारी की जद में आये 41 साल के पुलिस इन्सपेक्टर ने 18 अप्रैल की देर रात दम तोड़ दिया. अधिकारियों के मुताबिक यह प्रदेश में कोविड-19 से किसी पुलिस अधिकारी की मौत का पहला मामला है.
पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने पीटीआ को बताया-
इंदौर शहर में कोविड-19 के मरीजों की मृत्युदर 5.50 परसेंट है. जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले कहीं ज्यादा बनी हुई है. जो कि सबसे ज्यादा चिंता का कारण बना हुआ है. इंदौर में कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है
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