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मध्यप्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक डॉक्टर्स तीन मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल (Madhya Pradesh Doctors strike) पर जाने की तैयारी में हैं. इसमें उनका साथ नर्सिंग स्टाफ भी देंगे. ऐसे में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है.
दरअसल अपनी मांगे पूरी न होने से प्रदेशभर के डॉक्टर सरकार से नाराज चल रहे हैं. अब एक बार फिर से उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है.
लेकिन हड़ताल पर बैठने से पहले उन्होंने मंगलवार, 18 अप्रैल से 2 मई तक स्मरण दिवस मनाते हुए उन्होंने विरोध का नया तरीका खोज निकाला है. डॉक्टर OPD में आने वाले मरीजों के पर्चे पर दवा के साथ-साथ अपना दर्द भी लिख रहे हैं.
प्रशासनिक दखलअंदाजी पर अंकुश, पुरानी पेंशन बहाली, सातवां वेतन आयोग जैसी मांगे पूरी नहीं होने पर एक बार फिर से मध्य प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेज के लगभग 10 हजार डॉक्टर 3 मई से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके हैं.
इससे पहले 18 अप्रैल से 2 मई तक हर दिन स्मरण दिवस मनाएंगे और अस्पतालों की ओपीडी और निजी प्रैक्टिस के दौरान आने वाले मरीजों को पर्चे पर दवा के साथ साथ अपना दर्द भी बयां करेंगे. इसकी शुरुआत ग्वालियर के जीआरएमसी के डॉक्टरों ने कर दी है. मंगलवार को आने वाले मरीजो को दवा के साथ डॉक्टर ने अपनी मांगे भी लिखीं हैं.
शासकीय स्वशासी चिकित्सा महासंघ मध्य प्रदेश मुख्य संयोजक, डॉ सुनील अग्रवाल का कहना है कि 17 फरवरी 2023 मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के आश्वासन पर डॉक्टरों ने आंदोलन स्थगित कर दिया गया था और उसी दिन निर्मित उच्च स्तरीय समिति को एक महीने में अपना प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को देना था. तत्पश्चात उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन पर त्वरित शासन के आदेश निकालने की बात पर डॉक्टरों ने आंदोलन स्थगित किया था, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई आदेश नहीं निकाले गए हैं, इसलिए महासंघ सरकार को अपना वादा याद दिलाने के लिए आंदोलन की राह पर चल पड़ी है.
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