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MP में शिक्षा विभाग का बुरा हाल, 16000 स्कूलों में सिर्फ एक ही स्थायी शिक्षक

Madhya Pradesh के बुरहानपुर में 8 स्कूल ऐसे हैं जहां कोई स्थायी शिक्षक नियुक्त ही नहीं है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>शासकीय उर्दू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बुरहानपुर</p></div>
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शासकीय उर्दू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बुरहानपुर

(फोटो: क्विंंट हिंदी)

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एक और केंद्र और राज्य सरकारें शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं और विद्यार्थियों को स्कूल चलो अभियान के माध्यम से भी प्रेरित कर रही हैं तो वहीं मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में 16,000 से ज्यादा स्कूल ऐसे हैं जहां एक स्कूल में एक ही स्थायी शिक्षक नियुक्त है. ज्यादातर स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं.

हमारी टीम ने मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में इसकी पड़ताल की तो पाया कि यहां 8 स्कूल ऐसे हैं जहां कोई स्थायी शिक्षक नियुक्त ही नहीं है और 37 स्कूल ऐसे मिले जहां प्रति स्कूल केवल एक ही स्थायी शिक्षक नियुक्त है.

इसके साथ ही शिक्षक स्कूल के अलावा बाहर की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं, इससे स्कूल की व्यवस्था और गड़बड़ा जाती है. ऐसे में गुणवत्ता वाली शिक्षा विद्यार्थियों को कैसे प्राप्त हो ये सोचने वाली बात है.

9वीं से 12वीं तक एक ही स्थायी शिक्षक, प्रिंसिपल भी वही

बुरहानपुर जिले से लगभग 12 किलोमीटर दूर नगर पालिका शाहपुर स्थित है. यहां दूर खेत में एक शासकीय उर्दू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चलता है. यहां 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थी पढ़ते हैं लेकिन चारों कक्षाओं को पढ़ाने के लिए एक ही स्थायी शिक्षक है और उन्हें ही प्राचार्य का प्रभार भी दे रखा है. प्राचार्य अफजल अहमद अंसारी जब स्कूल के काम से बाहर जाते हैं तो स्कूल की व्यवस्था और बिगड़ जाती है.

ऐसे में स्कूल की सारी जिम्मेदारी अतिथि शिक्षकों पर होती है. इस मामले में कई बार उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी एवं वरिष्ठ अफसरों को बताया, लेकिन अभी तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

शिक्षकों की कमी के चलते उर्दू स्कूल में नौवीं से बारहवीं तक एक ही क्लास में पढ़ाया जा रहा है

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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उर्दू माध्यम के विद्यार्थियों की पढ़ाई हिंदी-अंग्रेजी में हो रही

बुरहानपुर जिले में जितने भी उर्दू माध्यम की स्कूल है वहां पर स्थिति और भी खराब है यहां उर्दू माध्यम के शिक्षकों की कमी बनी हुई है. उर्दू माध्यम के स्कूल में हिंदी के शिक्षक नियुक्त हैं जिसके चलते विद्यार्थियों का माध्यम तो उर्दू है लेकिन उन्हें हिंदी माध्यम या फिर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जाता है. विद्यार्थियों को इस तरह से पढ़ने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार विद्यार्थियों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन उर्दू माध्यम के शिक्षकों की कमी के चलते कोई हल नहीं निकल पाया.

इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र महाजन ने बताया कि बुरहानपुर में 8 स्कूल ऐसे हैं जहां स्थायी शिक्षक नहीं हैं और 37 स्कूल ऐसे हैं जहां पर प्रति स्कूल एक स्थायी शिक्षक ही नियुक्त है.

इसके बावजूद विद्यार्थी की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए शासन के निर्देशानुसार अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था कर रखी है.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में वरिष्ठ अफसरों और विभाग को अवगत कराते हुए मांग पत्र जारी कर दिया है. 5 वर्षों से नए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है जिसके चलते यह समस्या बन रही है.

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