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MP: हेल्थ वर्कर्स नसबंदी का टारगेट पूरा करें, नहीं तो नो सैलरी

सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों के लिए पांच से दस पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया है.

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नसबंदी को लेकर ‘’नो पे, नो वर्क’’ के आधार पर वेतन ना देने की बात कही गई है
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नसबंदी को लेकर ‘’नो पे, नो वर्क’’ के आधार पर वेतन ना देने की बात कही गई है
(फोटो: PTI)

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मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के हैल्थ वर्कर्स के लिए नसबंदी से जुड़ा एक नोटिस जारी किया है. कमलनाथ सरकार ने नसबंदी का टार्गेट ना पूरा होने पर अजिबोगरीब फरमान जारी कराते हुए कहा है कि कम से कम एक शख्स की नसबंदी कराना होगा नहीं तो सैलरी कटेगी.

यही नहीं राज्य सरकार ने जो नोटिस जारी किया है उसके मुताबिक अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसे वीआरएस दे दिया जाएगा. मतलब वक्त से पहले रिटायरमेंट.

नसबंदी का मिला टार्गेट, नहीं तो सैलरी गई

मध्यप्रदेश सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों के लिए पांच से दस पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया है. नोटिस के मुताबिक अगर ऐसा नहीं करने पड़ ''नो पे, नो वर्क'' के आधार पर वेतन ना देने की बात कही गई है. नोटिस में लिखा है,

“नो वर्क, नो पे के आधार पर इन सभी के वेतन पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक न्यूनतम एक पुरुष नसबंदी के इच्छुक हितग्राही का मोबिलाईजेशन सुनिशिचत न हो.”

हेल्थ वर्कर्स को इस तरह की नोटिस जारी पर कमलनाथ सरकार की आलोचना हो रही है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में सिर्फ 0.5 फीसदी पुरुष ने ही नसबंदी कराई है. एनएचएम मिशन डायरेक्टर ने 11 फरवरी को यह फरमान जारी किया था.

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Published: 21 Feb 2020,12:25 PM IST

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