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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन में बीजेपी (BJP) नेता के साथ 8 सितंबर की रात को बदसलूकी के आरोप में तीन पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. बर्खास्त हुए पुलिसकर्मियों में बाड़ी थाने के एसआई केशव शर्मा, हेड कांस्टेबल सुरेश शर्मा और कांस्टेबल केडी अंसारी शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता को ये लोग उनके घर के बाहर से पकड़कर थाने ले गए. दरअसल 8 सितंबर की रात को सुरेंद्र तिवारी बाड़ी नगर में सुंदरकांड पाठ में शामिल होकर अपने घर वापस आ रहे थे, तभी राउंड पर निकले पुलिसकर्मी उनके साथ अभद्रता करते हुए उन्हें पकड़कर थाने ले गए थे.
बीजेपी नेता के साथ जो हुआ वो गलत था, उसके लिए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई. उधर बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी गोरखपुर (Gorakhpur) में एक व्यापारी को कथित तौर पर पीटकर हत्या करने का आरोप 6 पुलिसकर्मियों पर लगा है, और कार्रवाई की मांग हो रही है.
अभी तक गोरखपुर में मनीष गुप्ता की कथित पुलिस की पिटाई से मौत के कई दिनों बाद भी आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पूरे मामले में पुलिस महकमे पर शुरू से ही लीपापोती के आरोप लग रहे हैं. FIR से 3 पुलिस वालों का नाम हटाने का दबाव बनाने का आरोप हो या मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आई सच्चाई...तमाम चीजों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
MP पुलिस ने कार्रवाई पर क्या कहा?
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए, तर्क दिया है कि बीजेपी नेताओं के मानव अधिकारों का हनन हुआ है और उनके सम्मान को भी ठेस पहुंचाई गई है. उन्हें हथकड़ी लगाकर फर्श पर बैठाया गया, और परिवार को भी धमकाया गया जो पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने की कोशिश है.
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