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29 दिसंबर को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से सांप्रदायिक तनाव की खबरें आईं. भीड़ ने कथित तौर पर मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया और मस्जिद को क्षति पहुंचाने की कोशिश की. ये सब कुछ उस दौरान हुआ जब लोग राम मंदिर निर्माण का फंड जुटाने के लिए रैली कर रहे थे.
मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव की हाल में घटी ये दूसरी घटना है. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के एक और बड़े शहर उज्जैन में दक्षिणपंथी संगठनों ने इसी तरह की रैली निकाली थी और तब भी विवाद हो गया था
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि इंदौर के चांदनखेड़ी इलाके की मस्जिद के बाहर करीब 200 लोग रुक गए. ये इलाका गौतमपुरा पुलिस स्टेशन के तहत आता है. लोगों ने मस्जिद के बाहर नारेबाजी भी की. इसके बाद दो पक्षों में तकरार भी देखने को मिली. यहां पर पत्थरबाजी भी हुई, जिससे कई लोगों को चोटें भी आईं.
क्विंट को जो वीडियो मिले हैं उसमें भी साफ देखा जा सकता है कि कई सारे युवा घरों के ऊपर चढ़ रहे हैं और भगवा झंडा फहरा रहे हैं. ये रैली अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए आयोजित की गई है.
इंदौर के आईजी योगेश देशमुख ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा है कि वीडियो फुटेज के आधार पर गांव से करीब 24 लोगों को राउंडअप किया गया है. दोनों पक्षों से अभी और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन पर संगत धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाएगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कलेक्टर मनीष सिंह और DIG हरिनारायणचारी मिश्र मंगलवार रात को मौके पर मौजूद थे. अधिकारी वहां पर विवाद को कम करने की कोशिश करते रहे.
उज्जैन में 25 दिसंबर को बेगम बाग के मुस्लिम-बहुल इलाके में एक दक्षिणपंथी यूथ रैली से झड़प शुरू हुई थी. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, रैली उस समय हिंसक हो गई जब पत्थरबाजी हुई. रैली में शामिल लोग कथित रूप से भड़काऊ नारे लगा रहे थे.
इलाके में पत्थरबाजी की खबरों के बाद स्थानीय प्रशासन ने इलाके में एक घर को ध्वस्त किया और एक अन्य घर को 'अवैध ढांचे' हटाने की मुहिम के तहत क्षतिग्रस्त किया.
(इंडियन एक्सप्रेस के इनपुट के साथ)
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