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ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी के एक पोस्ट ग्रेजुएशन के पेपर में क्रांतिकारियों को 'आतंकवादी' बताने पर बवाल हो गया है. छात्रों ने इस पर गुस्सा जताया है और इसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया. अब इस मुद्दे पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार की सफाई आई है. रजिस्ट्रार आईके मंसूरी ने कहा है कि इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है.
सवाल देखकर हैरान हुए छात्रों ने इसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान बताया, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जिंदगी का बलिदान दिया था. छात्रों ने सवाल को हटाने की मांग उठाई.
इस पर बवाल बढ़ता देख यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने इस पर बयान जारी किया है. रजिस्ट्रार आईके मंसूरी ने कहा, "इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. संबंधित एग्जामिनर से जानकारी ली जा रही है. आगे एक्शन लिया जाएगा."
एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, "जिन क्रांतिकारियों ने देश के लिए अपनी जान दी, उन्हें बहादुर का दर्जा मिलना चाहिए. इसकी बजाय उन्हें आतंकवादी बताया जा रहा है. हम इसकी आलोचना करते हैं और चाहते हैं कि सवाल पेपर से हटाया जाए."
गुना कॉलेज के प्रिंसिपल वीके तिवारी ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया था कि छात्रों के सवाल उठाने के बाद यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर तक जानकारी पहुंचा दी गई थी.
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