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मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के बागी विधायक जो बेंगलुरु में हैं आज उन्होंने पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. बागी विधायकों का कहना है कि हमें केंद्रीय सुरक्षा की जरूरत है. अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला हो सकता है तो हम पर भी हो सकता है. साथ ही विधायकों ने बताया कि हम मीडिया के सामने आकर बताना चाहते थे कि हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया है, हम यहां अपनी इच्छा से आए हैं. बागी कांग्रेस विधायकों ने कहा कि हम जल्द ही बीजेपी में शामिल होने पर फैसला करेंगे.
13 मार्च को राज्यपाल को दिए पत्र में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि- मैंने राज्यपाल से मिलकर उनका ध्यान आकर्षित किया है कि कैसे कांग्रेस के विधायकों को कैद किया गया है. पूरे देश ने इस घटना को देखा है. मैंने उनसे निवेदन किया है कि उन विधायकों को कैद से छुड़ाया जाए और वापस लाया जाए.
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे गोविंद सिंह राजपूत ने कहा-
बागी विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता लेकिन कमलनाथ जी सिर्फ छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री बनकर रह गए. साथ ही विधायकों का कहना है कि हमारे साथ ठीक बर्ताव नहीं हुआ है. हम सबने मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाई थी. लेकिन अब कमलनाथ सरकार डायलिसिस पर हैं. मुख्यमंत्री के पास हमसे बात करने तक का वक्त नहीं है. बागी विधायकों ने कहा कि अब कमलनाथ जी को इस्तीफा दे देना चाहिए. अधिकारी लोग मंत्री विधायकों नहीं सुनते थे.
मध्य प्रदेश की सियासत में आज का दिन काफी अहम है. एक तरफ तो आज कमलनाथ सरकार को विधानसभा सदन में बहुमत साबित करना है तो वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग वाली बीजेपी की याचिका पर सुनवाई होनी है. 16 मार्च को पहले राज्य विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई है. फिर शाम को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेटर लिखकर 17 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा था.
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