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लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास गलवान घाटी में 15-16 जून को भारतीय जवानों और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए हैं. इन्हीं शहीदों में से एक हैं मध्य प्रदेश के रीवा जिले के रहने वाले दीपक सिंह.
खबर मिलने के बाद से शहीद दीपक को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है. बताया जा रहा है कि शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने में अभी एक दिन का समय लगेगा.
शहीद दीपक सिंह की दादी का अपने पोते की याद में रो-रोकर बुरा हाल है. उन्होंने बताया कि दीपक पिछली बार छुट्टी में फरवरी महीने में आये थे और जब जाने लगे तो कहा था की जल्दी वापस आएंगे. दादी की अपने पोते दीपक से बात नहीं हो पाती थी क्योंकि वो जहां पोस्टेड था वहां नेटवर्क नहीं रहता था.
दीपक के भाई अमित सिंह ने बताया कि भारतीय सेना के अधिकारियों से हमें सूचना मिली कि दीपक सिंह नहीं रहे. पिछले साल नवंबर में ही उनकी शादी हुई थी. उसके बाद वे फरवरी में छुट्टियों में रीवा आये थे और 14 फरवरी को वापस चले गए थे. दीपक न सिर्फ घर के लिए बल्कि सारे गांव के लिए एक बेहतरीन इंसान थे.
अमित बताते हैं कि उनसे 10-12 दिन पहले आखिरी बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि-
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी शहीद दीपक सिंह को श्रद्धांजलि दी है-
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट करके शहीद दीपक की शहादत को नमन किया.
रीवा के एसपी आबिद खान ने बताया- चीन के साथ हुई झड़प में रीवा के फरेंहदा गांव के नायक दीपक सिंह जो 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे उनकी शहीद होने कन्फर्मेशन हमें उनके परिवार से मिली है. हमारे पास अब तक कोई औपचारिक पत्र नहीं पहुंचा लेकिन उनकी डेथ विभिन्न स्त्रोतों से कन्फर्म हो चुकी है. हम लगातार परिवार से संपर्क में हैं.
(रीवा से स्वतंत्र पत्रकार पंकज मिश्रा के इनपुट के साथ)
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