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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी जिले (Sidhi District) में एक 30 साल के शख्स पर कम से कम सात आदिवासी लड़कियों के साथ रेप का आरोप है.
मध्य प्रदेश पुलिस ने बताया है कि आरोपी शख्स आदिवासी छात्राओं को स्कॉलरशिप देने के बहाने उनका रेप कर रहा था. इसके लिए आरोपी ने आवाज बदलने वाले मोबाइल ऐप की मदद ली थी और महिला प्रोफेसर की आवाज में छात्राओं से बात करता था. पुलिस के मुताबिक इसमें कई लोग शामिल हैं.
आरोपी इतने शातिर थे कि वो स्कूल की एक लेडी टीचर के नाम से स्कॉलरशिप दिलाने के लिए छात्राओं को पहले फोन किया करते थे. आरोप है कि उसके बाद सुनसान जगह पर छात्राओं को बारी-बारी से बुलाया जाता था और फिर उनका रेप किया जाता था.
प्रशासन की ओर से कार्रवाई करते हुए इस मामले के मुख्य आरोपी बृजेश प्रजापति के गांव अमरवाह पहुंचकर उसके घर पर बुलडोजर चलाया गया. इस मौके पर अपर कलेक्टर एसडीम एसडीओपी डीएसपी सहित कई थाना प्रभारी और भारी पुलिस बल मौजूद थी.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ 4 रेप सर्वाइवर छात्राओं ने मामले की शिकायत की थी. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने बताया कि आरोपी एक मजदूर है जिसने यूट्यूब पर एप्लिकेशन का उपयोग करना सीखा. पुलिस ने कहा कि उसने सह-आरोपियों राहुल प्रजापति और संदीप प्रजापति की मदद से पहले सर्वाइवर का फोन नंबर हासिल किया.
रिपोर्ट के अनुसार सीधी पुलिस अधीक्षक रवीन्द्र वर्मा ने बताया
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमलावर दिखे.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "सीधी जिले में स्कॉलरशिप का झांसा देकर सात आदिवासी छात्राओं से बलात्कार का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला हैत. पुलिस का कहना है कि और भी लड़कियां इसका शिकार हो सकती हैं अर्थात बलात्कार पीड़ित आदिवासी लड़कियों की संख्या 7 से अधिक भी हो सकती है. देश अब तक भूला नहीं है कि इसी सीधी जिले में एक आदिवासी युवक के सिर पर बीजेपी के नेता ने पेशाब की थी."
आदिवासी छात्रों के साथ हुई इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "सीधी जिले के मझौली थाना में आदिवासी छात्राओं से स्कॉलरशिप देने का लालच देकर गलत कार्य करने का मामला मेरे संज्ञान में आया है. आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसा निंदनीय कार्य करने वाले समाज के दुश्मन हैं, आरोपी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. इस मामले के सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने और ठोस साक्ष्य संकलित करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है. जो संपूर्ण तथ्यों की निष्पक्ष जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा."
इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी
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