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मद्रास हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल को सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को तगड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट इस बात से नाराज है कि कोरोना वायरस संकट के दौर में आयोग ने राजनीतिक रैलियों की मंजूरी कैसे दी?
लाइव लॉ के मुताबिक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने चुनाव आयोग के वकील से कहा- 'आपकी संस्था ही कोरोना की दूसरी लहर का एकमात्र कारण है.'
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान बोलते-बोलते ये तक कह दिया कि 'आपके अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए.'
(ग्राफिक्स- क्विंट हिंदी/वैभव पलनीटकर)
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हाईकोर्ट का मानना है कि चुनाव आयोग मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंस बनाए रखने, सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने जैसे कोरोना नियमों का पालन कराने में नाकमयाब रहा है.
कोर्ट ने आयोग को चेतावनी दी है कि अगर वो 2 मई को काउंटिंग के दिन कोरोना वायरस नियमों को लागू कराने का ब्लूप्रिंट नहीं देते हैं तो वो वोटों की गिनती को रोक देंगे.
कोर्ट ने कहा कि 'अभी जीवित बचने और सुरक्षित रहने की परिस्थिति है. इसके बाद ही दूसरी चीजें आती हैं'.
मामले की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस सेंथिलकुमार रमनमूर्ति भी शामिल थे. उन्होंने चुनाव आयोग और तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी को राज्य के स्वास्थ्य सचिव से सलाह मशविरा करके काउंटिंग डे के लिए योजना बनाने को कहा है. कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि 30 अप्रैल तक काउंटिंग डे का ब्लूप्रिंट कोर्ट के सामने होना चाहिए.
अब मामले की सुनवाई 30 अप्रैल को होगी. सुनवाई में परिस्थितियों का जायजा लिया जाएगा.
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