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महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर और शिवसेना सांसद अरविंद सावंत की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. अरविंद सावंत की नियुक्ति महाराष्ट्र स्टेट पार्लियामेंट्री कोऑर्डिनेशन कमेटी में हुई थी वहीं वायकर की नियुक्ति सीएमओ ऑफिस में बतौर चीफ कोर-ऑर्डिनेटर हुई थी.
20 फरवरी को जारी दो अलग-अलग नोटिफिकेशन में बताया गया है कि सावंत और वायकर अपना-अपना पद लेने के इच्छुक नहीं हैं.
उद्धव ठाकरे ने सीएम ऑफिस में वायकर को चीफ को-ऑर्डिनेटर पद के लिए 11 फरवरी को नियुक्त किया था. वहीं, अरविंद सावंत को 14 फरवरी को दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री के पद पर नियुक्त किया था. अब सरकार ने अपने शासनादेश में कहा है कि दोनों ने उसी दिन पद ग्रहण करने से मना कर दिया था.
दोनों नेताओं की नियुक्ति के बाद से ही महाराष्ट्र सरकार को विवाद की भनक लगने लगी थी. इस मामले में विपक्ष की तरफ से लाभ के पद का मुद्दा उठाया जा सकता था. इसलिए शायद विवाद न हो, सरकार ने नियुक्ति को रद्द करने का फैसला ले लिया.
बता दें कि रविंद्र वायकर शिवसेना के विधायक हैं और अरविंद सावंत शिवसेना के सांसद हैं, ऐसे में दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री के पद पर रह कर दो स्थानों पर वेतन हासिल नहीं किया जा सकता. इसे लाभ का पद माना जा सकता है.
बता दें कि अरविंद सावंत ने केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन जब शिवसेना का गठबंध टूटा तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं, रविंद्र वायकर उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाते हैं. राज्य में मंत्री पद न मिलने से वो नाराज थे अब उन्हें खुश करने के लिए दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री का पद दिया था लेकिन अब विवादों के डर से नियुक्ति को रद्द कर दिया गया.
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