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महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है. इसके बाद सदन में शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैं मैदान में लड़ने वाला व्यक्ति हूं. मुझे सदन में काम करने का अनुभव नहीं है.'
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, "वैचारिक मतभेद रखने का तरीका होता है. सदन में वैचारिक मतभेदों को गलत तरीके से रखा गया. ऐसा करना महाराष्ट्र की परंपरा नहीं है. मुझे गर्व है कि मैंने अपने आदर्शों का नाम लेकर शपथ ली."
सदन में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर गलत तरीके से शपथ लेने का आरोप लगाया. इसपर उद्धव ने जवाब देते हुए कहा-
आदित्य ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी सरकार के पक्ष में हो रहे बहुमत परीक्षण के दौरान अपना नाम आदित्य रश्मि उद्धव ठाकरे लिया.
महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान उद्धव सरकार के पक्ष में कुल 169 वोट पड़े. फ्लोर टेस्ट में सरकार के खिलाफ कोई भी वोट नहीं पड़ा जबकि चार विधायक ऐसे रहे जिन्होंने किसी के पक्ष में वोट नहीं किया. फ्लोर टेस्ट से पहले ही बीजेपी के सभी 105 विधायकों ने नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार के फ्लोर टेस्ट को गैरकानूनी बताया. फडणवीस ने लगातार सरकार पर बिना रुके नियमों का पालन न करने संबंधी कई आरोप लगाए. फडणवीस के मुताबिक सदन का यह सत्र अंसवैधानिक और गैर कानूनी है.
बता दें कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार का गठन विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के 36 दिन बाद हुआ है. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में नई सरकार के सीएम के तौर पर शपथ ली थी.
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