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BJP IT सेल से जुड़े शख्स को मिला चुनाव का काम? EC ने मांगा जवाब

2019 में साइनपोस्ट कंपनी के कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना भी शामिल है

रौनक कुकड़े
भारत
Published:
2019 में साइनपोस्ट कंपनी के कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना भी शामिल है
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2019 में साइनपोस्ट कंपनी के कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना भी शामिल है
(फोटो: Altered by Quint)

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चुनाव आयोग ने साकेत गोखले के महाराष्ट्र चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. 23 जुलाई को साकेत गोखले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया प्रचार का काम बीजेपी आईटी सेल में काम करने वाले एक व्यक्ति से जुड़े फर्म को सौंपा था. ट्विटर पर कई लोगों की प्रतिक्रिया सामने आने के बाद चुनाव आयोग हरकत में आया है.

चुनाव आयोग की प्रवक्ता, शेफाली शरण ने ट्वीट कर जानकारी दी कि इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है.

महाराष्ट्र चुनाव आयोग पर आरोप

साकेत गोखले ने ट्विटर पर एक के बाद एक ट्वीट कर आरोप लगाया है कि बीजेपी के लिए काम करने वाली कंपनी ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग के लिए प्रचार का काम संभाला. गोखले ने पूछा है कि चुनाव आयोग ने क्यों बीजेपी आईटी सेल से जुड़े व्यक्ति को अपने सोशल मीडिया का काम सौंपा? क्या चुनाव आयोग का आचरण स्वतंत्र और तटस्त है? गोखले ने पूछा कि क्या इसका जवाब चुनाव आयोग को नहीं देना चाहिए क्या?

साकेत ने कुछ फोटो भी शेयर की हैं, जिसमें उन्होंने बताया है कि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया विज्ञापनों के पते को '202 प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई' के रूप में पोस्ट किया, और दावा किया कि ये पता साइनपोस्ट इंडिया का है, जो सरकार द्वारा संचालित एक एजेंसी है. वहीं, इसी पते पर सोशल सेंट्रल नाम की डिजिटल एजेंसी भी रजिस्टर्ड है, जो देवांग दावे की कंपनी है, जो खुद बीजेपी यूथ विंग के आईटी सोशल मीडिया के राष्ट्रीय संयोजक हैं

इस मामले में क्विंट ने देवांग दावे की भूमिका जानने की कोशिश की, जिनकी कंपनी पर आरोप लग रहे है. देवांग ने सफाई देते हुए कहा, "आरोप निराधार हैं, मेरी प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए लगाए जा रहे हैं, क्योंकि मैं निम्न मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि से आता हूं, मेरे परिवार में कोई राजनीति में नहीं है. इन आरोपों पर हमारी लीगल टीम जल्द जवाब देगी."

बता दें कि साइनपोस्ट इंडिया कंपनी महाराष्ट्र सरकार के साथ कई सरकारी प्लेटफॉर्म पर एमपैन्लड है. सवाल उठ रहे हैं क्या देवांग दावे की बीजेपी से निकटता के कारण उनकी कंपनी को ये फायदा मिला है.

साइनपोस्ट, सोशल सेंट्रल का पता एक ही?

साइनपोस्ट इंडिया की वेबसाइट पर जाने के बाद पता चलता है कि ये कंपनी साल 2013 से आउटडोर विज्ञापन के क्षेत्र में सक्रिय है. साथ की इंटरनेट विज्ञापन का भी काम करती है. 2019 में कंपनी के कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना भी शामिल है. BPCL और HPCL जैसी कंपनियों के लिए भी इन्होंने काम किया है. हालांकि, इस वेबसाइट पर इस बात का जिक्र नहीं मिलता है कि कंपनी ने 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के साथ काम किया था. लेकिन, गोखले के एक ट्वीट के मुताबिक, सोशल सेंट्रल वेबसाइट पर महाराष्ट्र चुनाव आयोग क्लाइंट के रूप में दिखता है.

महाराष्ट्र चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया की काम नियम के मुताबिक ही काम दिया गया था. अधिकारी ने कहा कि जो कंपनी सरकार के पैनल पर होती है, टेंडर के जरिए उन्हें की काम दिया जाता है.

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद इस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आ रही हैं. महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट कर मामले की जांच की मांग की है.

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