Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 सरकार को दिलाई कर्जमाफी की याद, तो हिरासत में लिया गया किसान

सरकार को दिलाई कर्जमाफी की याद, तो हिरासत में लिया गया किसान

किसान कर्ज माफी का प्रमाण पत्र तो मिला, लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ

रौनक कुकड़े
भारत
Updated:
(फोटोः रौनक कुकड़े/क्विंट हिंदी)
i
null
(फोटोः रौनक कुकड़े/क्विंट हिंदी)

advertisement

महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने दो दिन पहले अपने बजट में किसान कर्ज माफी योजना का दायरा बढ़ाने का ऐलान किया. सरकार ने भी बताया कि इस कदम से सरकार पर करीब 8 हजार करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. लेकिन महाराष्ट्र में किसान कर्ज माफी की पोल उस वक्त खुल गई, जब एक किसान कर्ज माफी का प्रमाण पत्र लेकर सरकार को कर्जमाफ करने की याद दिलाने विधानसभा पहुंच गया.

महाराष्ट्र के वासिम जिले के किसान अशोक मनवर शुक्रवार को हाथ में किसान कर्ज माफी का प्रमाण पत्र लेकर विधानसभा पहुंचे. वह सरकार को बताने आए थे कि उन्हें किसान कर्ज माफी का प्रमाण पत्र तो दिया गया लेकिन कर्जा माफ नहीं हुआ. लेकिन सरकार तक उनकी आवाज पहुंचती इससे पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

सरकार को याद दिलाने पहुंचे तो हिरासत में ले लिया गया

दरअसल, 2017 में दिवाली से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में कई किसानों को कर्ज माफी के प्रमाण पत्र बांटे थे. इनमें से एक अशोक भी थे. अशोक का 1 लाख 40 हजार रुपये माफ करने का ऐलान हुआ था लेकिन उनका कर्ज अब तक माफ नहीं हो सका है.

हद तो तब हो गई जब सरकार को कर्जमाफी की याद दिलाने पहुंचे अशोक को हिरासत में ले लिया गया. किसान को हिरासत में लेने की खबर विधानसभा में आग की तरह फैल गई और सदन में हंगामा हो गया.

इसके बाद विधानपरिषद के सभापति ने पुलिस को किसान को तुरंत छोड़ने के आदेश दिए. लेकिन तब तक विपक्ष को सरकार को घेरने का मुद्दा मिल चुका था.

क्या है महाराष्ट्र में कर्जमाफी की स्थिति ?

किसान कर्ज माफी को लेकर सरकार की ओर से जो डेटा दिया गया है उसके मुताबिक, सरकार अब तक किसान कर्ज माफी पर 24 हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. सरकार का दावा है कि इससे करीब 50 लाख किसानों को फायदा पहुंचा है. योजना का पैसा करीब 43.32 लाख बैंक अकाउंट्स में जमा कराया गया है.

महाराष्ट्र में क्यों नहीं रुक रही किसान आत्महत्या ?

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि महाराष्ट्र में पिछले सालों में एवरेज से कम बारिश हुई है जिसकी वजह से कई लाख हेक्टेयर किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है. खेती किसानी के लिए किसान बैंकों से कर्ज लेता है लेकिन सूखे की वजह से किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है.

राज्य के राहत और पुनर्वास विभाग (रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन डिपार्टमेंट) के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी 2015 और सितंबर 2018 के बीच 11,225 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, जबकि कांग्रेस-एनसीपी सरकार के पहले चार सालों (जनवरी 2010 से दिसंबर 2013) में किसान आत्महत्या के 6,028 मामले सामने आए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 21 Jun 2019,10:54 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT