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महाराष्ट्र में किसानों ने राज्य सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ और कर्ज माफी की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है. इस आंदोलन को किसान क्रांति का नाम दिया गया है. किसानों ने आज 1 जून से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है.
आंदोलनकारी किसानों ने चेतावनी दी है कि वह हड़ताल के दौरान शहरों में जाने वाले दूध, सब्जी समेत अन्य उत्पादों की सप्लाई रोक देंगे.
गुरुवार को आंदोलन की शुरुआत करते हुए किसानों ने विरोध के तौर पर सड़कों पर दूध भी बहाया.
किसान क्रांति के नेता जयाजी शिंदे का कहना है कि किसान की कर्जमाफी ही उसकी सारी समस्याओं का हल है. जबकि मौजूदा सरकार कर्जमाफी की मांग को स्वीकार नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि किसानों के पास हड़ताल पर जाने के अलावा और कोई चारा नहीं है. शिंदे ने कहा है कि इस हड़ताल में पूरे राज्य के किसान शामिल हो रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार में कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर का कहना है कि किसानों का हड़ताल करना अच्छा कदम नहीं है. ऐसा अगर सचमुच होता है तो दुनिया चल नहीं सकती, क्योंकि किसान इस दुनिया का अन्नदाता है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि किसान हड़ताल न करें. हम आंदोलनकारी किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं.
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