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महाराष्ट्र में कट्टर हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के पीछे भारी दबाव काम कर रहा है. ताजा गिरफ्तारी शिवसेना से जुड़े पूर्व पार्षद श्रीकांत पांगाकर की हुई है. कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड में आरोपी परशुराम वाघमारे और के टी नवीन कुमार की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार पर ये आरोप लगने लगे थे वह सनातन संस्था और इस तरह के दूसरे हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ नरम रुख अपना रही है. इसी के बाद वैभव राउत और उसके साथियों की गिरफ्तारी हुई और उनकी निशानदेही पर बड़ी मात्रा में हथियार पकड़े गए.
खबर ये भी थी इसमें से कुछ लोगों के तार मुख्यधारा के कुछ हिंदूवादी संगठनों के साथ भी जुड़े हो सकते हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार ने बदनामी से बचने के लिए इनके खिलाफ अपना रुख कड़ा कर लिया और इसके बाद एटीएस ने वैभव राउत और उसके साथियों को गिरफ्तार किया.
दरअसल कुछ दिनों पहले कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में एटीएस ने परशुराम वाघमारे और के.टी नवीन कुमार को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों से पूछताछ में नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पनसारे दोनों की हत्या का कनेक्शन महाराष्ट्र से जुड़ रहा था. अगर इन आरोपियों के खिलाफ अदालत में सुनवाई के दौरान हत्याकांड के तार महाराष्ट्र से जुड़ने की बात कही जाती तो राज्य सरकार की किरकिरी होती. यही वजह है कि कट्टर हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार पिछले 4 साल से कट्टर हिंदूवादी संगठनों के इन कार्यकर्ताओं को बचाने की कोशिश कर रही है. लेकिन अब दबाव की वजह से करवाई करनी पड़ रही है
इस बीच, शिवसेना के पूर्व पार्षद श्रीकांत पांगाकर को महाराष्ट्र ATS ने रविवार को गिरफ्तार किया है. श्रीकांत पर आरोप है कि वैभव राउत के पास मिले इतनी बड़ी संख्या में मिले विस्पोटक के लिए पैसो का इंतजाम श्रीकांत ने किया था. शिवसेना से श्रीकांत का सम्बन्ध आने के बाद से शिवसेना बैकफुट पर है कोई बड़ा नेता फिलहाल इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है.
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