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महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए होने वाली परीक्षाओं को अंतिम समय में स्थगित कर दिया गया. इस वजह से करीब आठ लाख आवेदकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रुप 'सी' और 'डी' के 6,205 पदों को भरने के लिए 25 और 26 सितंबर को लिखित परीक्षाएं होने वाली थी. लेकिन 24 सितंबर को शाम 7 बजे के बाद एसएमएस द्वारा सूचित किया गया कि अगली तारीख निर्धारित होने तक परीक्षा स्थगित कर दी गई है.
दरअसल, राज्य सरकार के आईटी विभाग की कमेटी ने इस निजी कंपनी को काम सौंपा था. जिसमें उन्हें हॉल टिकट्स बनाना, प्रश्न पत्रिका छापना और उसे परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाना, सभी जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित करना, इन्विलिजेटर्स को ट्रेनिंग देना, कोविड प्रोटोकॉल के तहत सिटिंग अरेंजमेंट करना, मोबाइल जैमर बिठाना जैसी जिम्मेदारियां शामिल थी.
लेकिन टोपे ने परभणी जिले में जब स्कूलों का दौरा किया तो परीक्षा की तैयारियों का जायजा लेते वक्त पता चला कि परीक्षा की व्यवस्थाएं पूरी नहीं की गई है. जिसके बाद उन्होंने हेल्थ कमिश्नर और डायरेक्टर्स को काम खत्म करने का अल्टीमेटम भी दिया. तब कंपनी ने इसे परीक्षा के पहले पूरा करने का आश्वासन भी दिया.
लेकिन 24 सितंबर की शाम तक ग्रामीण इलाकों के आवेदक पहले ही अपने परीक्षा केंद्रों तक पहुंच गए थे या रास्ते में थे.
पिछले चार से परीक्षा की तैयारी कर रहे बीड जिले के रहने वाले राहुल कवठेकर कहते हैं
सचिन लहाने जिन्होंने स्टाफ मेल नर्स पद के लिए पुणे केंद्र के लिए अर्जी की थी. लेकिन उन्हें सोलापुर के सांगोला का परीक्षा केंद्र दिया गया. सचिन 24 सितंबर की शाम संगोला के पास पहुंचे तब परीक्षा स्थगित होने की खबर आई. तुरंत उन्होंने अपना मेल और हॉल टिकिट फिर से चेक किया. तो उन्हें देखकर धक्का लगा कि फिर उनकी ऑनलाइन हॉल टिकिट पर परीक्षा केंद्र बदल दिया गया था.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग में ग्रुप 'सी' और 'डी' कैटेगरी में टेक्निकल और सपोर्टिंग स्टाफ के पद शामिल हैं. ग्रुप 'सी' के पदों में ज्यादातर स्टाफ नर्स, सहायक नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला तकनीशियन, एक्स-रे तकनीशियन, प्रयोगशाला सहायक, लीपिक और ग्रुप 'डी' के पदों में वार्ड असिस्टेंट, स्वीपर, ड्राइवर और सपोर्टिंग स्टाफ शामिल हैं.
कंपनी पर सवाल उठने के बाद स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने आश्वासन दिया है कि अगले 10 दिनों में फिर एक बार परीक्षाओं का नियोजन किया जाएगा.
लेकिन परीक्षार्थी जानने चाहते हैं कि क्या इतने हंगामे के बाद सरकार इस कंपनी पर कोई कार्रवाई करेगी या नहीं. साथ ही लाखों आवेदकों की यह मांग है कि उनको हुए नुकसान के बाद अगली परीक्षा के लिए आवेदकों को मुफ्त में यात्रा करवाई जाए.
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